बीजेपी से निष्कासित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर 2017 में लगे अपहरण और बलात्कार के आरोप के मामले में दिल्ली की एक अदालत सोमवार को फैसला सुनाएगी. कैमरे के सामने चलने वाली कार्यवाही में जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा था कि वह मुकदमे में सीबीआई और आरोपी पक्ष की दलीलें सुनने के बाद 16 दिसंबर को फैसला सुना सकते हैं.
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर मुकदमे को लखनऊ से दिल्ली स्थानांतरित किए जाने के बाद न्यायाधीश ने पांच अगस्त से प्रतिदिन मुकदमे की सुनवाई की थी. कुलदीप सिंह सेंगर पर महिला को 2017 में नाबालिग रहते हुए कथित रूप से अगवा कर उसके साथ बलात्कार करने का आरोप है. अदालत ने सह आरोपी शशि सिंह पर भी आरोप तय किए हैं. उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ से चार बार भाजपा के टिकट पर विधायक रहे सेंगर को अगस्त 2019 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट 16 दिसंबर को कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म मामले में अपना फैसला सुनाएगा. आपको बता दें कि उन्नाव रेप केस के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने अगस्त के महीने में ही आरोप तय कर लिए थे.
जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सेंगर के साथी शशि सिंह के खिलाफ भी नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में आरोप तय किए थे. अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 363 (अपहरण), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 366 (अपहरण एवं महिला पर विवाह के लिए दबाव डालना), और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पॉक्सो) की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं.
इससे पहले गुरुवार को सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई ने लड़की के पिता पर हमला किया और तीन राज्य पुलिस अधिकारियों एवं पांच अन्य के साथ मिलकर शस्त्र कानून के एक मामले में उसे फंसाया. जांच एजेंसी ने जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा को बताया कि विधायक और उसके सहयोगियों ने एक प्राथमिकी दर्ज करायी जिसमें 17 वर्षीय बलात्कार पीड़िता के पिता पर देशी पिस्तौल और पांच कारतूस रखने का आरोप लगाया था. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने सेंगर पर कार्रवाई करते हुए उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
Source : Bhasha