उन्नाव रेप कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सीबीआई के अधिकारियों को तलब करते हुए अब तक हुई जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर CBI के अधिकारी ओपन कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट नहीं बता सकते तो वह इस मामले की सुनवाई अपने चेंबर में करेंगे. उन्होंने सीबीआई को 12 बजे तक अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
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चीफ जस्टिस ने यह भी संकेत दिए हैं कि उन्नाव रेप कांड और उन्नाव रेप कांड की पीड़िता के एक्सीडेंट के मामले की जांच अब सीबीआई उत्तर प्रदेश से बाहर करेगी. रेप पीड़िता का परिवार उत्तर प्रदेश से बाहर जांच की मांग लगातार उठाता रहा है. परिजनों का कहना था कि रेप के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के गुर्गे उन्हें धमकी देते हैं. केस वापस लेने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है.
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12 बजे दोबारा सुनवाई को लेकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दोबारा कोर्ट पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि इस केस की जांच से जुड़े अधिकारी लखनऊ में हैं. आज कोर्ट नहीं आ सकते. उन्होंने सुनवाई को शुक्रवार साढ़े दस बजे तक टालने की मांग की.
जिस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई को कल तक टालने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि सीबीआई के डायरेक्टर जांच अधिकारी से बात करें और 12 बजे तक कोर्ट को रिपोर्ट से अवगत कराएं.
रेप पीड़िता ने लिखी थी चिट्ठी
उन्नाव रेप कांड की पीड़िता ने 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नाम एक खत लिखा था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उस खत में पीड़िता ने इस बात का संदेह जताया था कि उसके और उसके परिवार की जान खतरे में है.
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रेप का आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर लगातार उसे और उसके परिवार को खत्म करवाने की धमकी दे रहा है. यह बात मीडिया में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस चिट्ठी का संज्ञान लिया. CJI ने रजिस्ट्री से भी रिपोर्ट तलब की कि आखिर ख़त को उनके सामने पेश करने में देरी क्यों हुई.
पीड़िता के वकील को नहीं मिला था बंदूक का लाइसेंस
बृहस्पतिवार को पीड़िता के वकील के द्वारा लिखा गया एक प्रार्थना पत्र वायरल हुआ है. यह प्रार्थना पत्र पीड़िता के वकील ने जिलाधिकारी को लिखा था. इसमें उसने बताया था कि उसे लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही है. इतना ही नहीं उसने आरोप लगाया था कि सत्ता के दबाव में उसके बंदूक के लाइसेंस को नहीं बनाया जा रहा है.
Source : News Nation Bureau