उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस लोगों को बड़े-बड़े ख्वाब दिखा रही है. लेकिन जमीनी स्तर पर कांग्रेस की कमजोरी जगजाहिर है. कांग्रेस समाजवादी पार्टी के समक्ष समर्पण की मुद्रा में आ गयी है. तभी तो कांग्रेस ने बिना चुनाव लड़े ही हार मानकर करहल और जसवंत नगर की सीट से कांग्रेस प्रत्याशी न उतारने का फैसला किया है. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि कांग्रेस ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को मैनपुरी की करहल सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी घोषित भी कर दिया था. लेकिन अब कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी को करहल सीट से नामांकन के लिए मना कर दिया है. कांग्रेस ने करहल और जसवंतनगर सीट पर सपा को वॉकओवर देने का फैसला किया है. इस तरह से कांग्रेस ने चाचा-भतीजे दोनों को वॉकओवर दे दिया है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और बृज क्षेत्र के प्रभारी रोहित चौधरी ने बताया कि कांग्रेस ने फैसला किया है कि करहल और जसवंतनगर सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारेंगे. इसीलिए करहल सीट पर पहले से घोषित कांग्रेस प्रत्याशी ज्ञानवती यादव को नामांकन करने से मना कर दिया गया है. वहीं, जसवंतनगर सीट पर कांग्रेस ने किसी को भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया था और कांग्रेस ने कहा अब हम उस सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे. करहल और जसंवतनगर दोनों ही सीट पर सपा को कांग्रेस समर्थन करेगी. कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में ही करहल विधानसभा क्षेत्र से महिला प्रत्याशी ज्ञानवती यादव को टिकट दिया था. सपा ने उस समय तक अखिलेश यादव को यहां से प्रत्याशी नहीं बनाया था. लेकिन, अब अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने के निर्णय के बाद कांग्रेस ने तय किया है कि वो उनके खिलाफ कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारेगी. ऐसे में मंगलवार को ज्ञानदेवी यादव को फोन करके कांग्रेस ने नामांकन करने से रोक दिया.
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दरअसल, समाजवादी पार्टी गांधी परिवार के खिलाफ अमेठी और रायबरेली संसदीय सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारती है. सपा यह काम 2009 के लोकसभा चुनाव से कर रही है. ऐसे में कांग्रेस ने भी सपा मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव और आजमगढ़ में अखिलेश यादव के खिलाफ प्रत्याशी नहीं दिया था. इतना ही नहीं कन्नौज सीट पर भी डिंपल यादव के खिलाफ किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया था. शिवपाल यादव के खिलाफ भी कांग्रेस का प्रत्याशी नहीं अब विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस हाईकमान ने मुलायम परिवार के खिलाफ प्रत्याशी नहीं देना का फैसला किया है.
मैनपुरी की करहल में अखिलेश यादव और इटावा की जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में शिवपाल यादव के खिलाफ कांग्रेस का कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं होगा. हालांकि, सपा ने अभी तक रायबरेली जिले की सदर सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव पहली बार करहल सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने सोमवार को मैनपुरी पहुंचकर नामांकन दाखिल किया. अखिलेश के सामने बीजेपी ने आगरा से सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को चुनाव मैदान में उतारा है तो बसपा ने कुलदीप को प्रत्याशी बनाया है. बसपा ने सामान्य सीट पर दलित प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में देखा जाना बेहद दिलचस्प होगा कि करहल सीट पर मुकाबला कैसा होता है?