उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र हंगामे के साथ शुरू हुआ है। विपक्ष ने कानून व्यवस्था को लेकर सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी और प्रश्नकाल को स्थगित कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश विधानपरिषद् की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने कानून व्यवस्था की बिगड़ती हालत पर सवाल उठाते हुए सदन के वेल में घुस गए।
इसके साथ ही बुवाई के समय खाद की कमी और निकाय चुनावों के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा भी उठाया।
समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने टोपी लगाया था जिसमें नारे लिखे हुए थे और वे बैनर भी लेकर आए थे।
विपक्ष के हंगामे के कारण सदन के सभापति रमेश यादव ने सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिये स्थगित कर दी।
इधर विधानसभा में भी विपक्ष ने बिजली की कीमतों को कम करने की मांग की।
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बीएसपी नेता लाल जी वर्मा ने कहा, 'प्रदेश सरकार संकल्प पत्र में किये वायदे अभी तक नही पूरी कर पाई है ऐसे में बिजली के दाम बढ़ा देना जनता के साथ विस्वास घात है हमने 311 नियम के तहत चर्चा कराए जाने को लेकर नोटिस दिया है लेकिन मुझे अवसर नही मिला ।हम सरकार को मजबूर करेंगे कि बढ़ी हुई बिजली की दरों को जनता हित में वापिस ले।'
उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में अपराध का प्रतिशत बढ़ा है हर मामले में सरकार फेल है।
विपक्ष के हंगामे पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता सुरेश खन्ना ने कहा कि विपक्ष के पास मुद्दा नहीं है इसलिये ये विधानसभा में काम नहीं करने देना चाहते हैं।
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Source : News Nation Bureau