यूपी एटीएस ने एक रोहिंग्या को संत कबीर नगर से किया गिरफ्तार

एटीएस ने टेरर फंडिंग की आशंका चलते बुधवार को 3 जिलों में छापेमारी की. इस दौरान यूपी एटीएस ने अवैध रूप से भारतीय दस्तावेज बनवाकर संतकबीर नगर के खलीलाबाद में रह रहे म्यांमार के एक नागरिक को गिरफ्तार किया है.

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Shailendra Kumar
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Two Ugandan citizens arrested with Rs 68 crore heroin at Delhi airport

संतकबीर नगर से एक रोहिंग्या को यूपी एटीएस ने किया गिरफ्तार( Photo Credit : IANS)

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उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वैड (एटीएस) ने टेरर फंडिंग की आशंका चलते बुधवार को 3 जिलों में छापेमारी की. इस दौरान यूपी एटीएस ने अवैध रूप से भारतीय दस्तावेज बनवाकर संतकबीर नगर के खलीलाबाद में रह रहे म्यांमार के एक नागरिक को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए रोहिंग्या युवक का नाम अजीजुल हक है. वह पहचान बदलकर न सिर्फ यहां रह रहा था, बल्कि फर्जी तरीके से मूल दस्तावेज भी बनवा लिए थे.

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एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए अजीजुल हक के बारे में यूपी एटीएस को अहम जानकारी मिली थी, जिसके बाद एटीएस ने योजना बनाकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.उन्होंने बताया कि अजीजुल मूल रूप से म्यांमार का रहने वाला है. वह 2001 में बांग्लादेश के रास्ते भारत आया था. प्रशांत कुमार ने अजीजुल हक के कथित पिता बदरे आलम के हवाले से बताया कि मुंबई में अजीजुल हक की मुलाकात खलीलाबाद के रहने वाले बदरे आलम के बेटे इनायत उल्लाह से हुई.

अजीजुल हक ने खुद को अनाथ बताया था, जिसपर इन लोगों को दया आ गई और अपने साथ खलीलाबाद लेते आए. बदरे आलम ने इसका नाम राशन कार्ड पर दर्ज करवा लिया. इसकी मदद से अजीजुल हक ने अन्य दस्तावेज पासपोर्ट और आधार कार्ड बनवा लिए. पूछताछ में पता चला है कि भारत में बनवाए गए पासपोर्ट से वह दुबई की यात्रा भी कर चुका है.

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एडीजी ने बताया कि दस्तावेजों से पता चला कि वह मूल रूप से म्यांमार के राखाइन प्रांत, जिला अक्याब के नयाफारा, थाना बुलिडंग क्षेत्र का रहने वाला है. वह संतकबीरनगर में नौरो, बखिरा चमरसन क्षेत्र में रह रहा था. पूछताछ में अजीजुल हक ने बताया है कि 2017 में वह बांग्लादेश के रास्ते म्यांमार जाकर अपनी मां आबिदा खातून, बहन फातिमा खातून, दो भाई जियाउल हक और मोहम्मद नूर को भारत ले आया था. एक भाई जियाउल हक नासिक में रहता है जबकि दूसरा भाई मोहम्मद नूर व बहनोई नूर आलम खलीलाबाद आने के बाद से कहीं चले गए. यूपी एटीएस ने मुंबई एटीएस से भी इस बारे में जानकारी साझा की है.

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उन्होंने कहा कि खलीलाबाद नगर पालिका के तकनीकी सहायक को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की है. आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेज बनवाने में अजीजुल हक की मदद की. अजीजुल हक के पास से दो पासपोर्ट बरामद किए गए हैं. हालांकि उक्त तकनीकी सहायक के खिलाफ अभी तक पुख्ता सुबूत अब तक नहीं मिले हैं, जिसकी वजह से उसे गिरतार नहीं किया गया है. एडीजी ने बताया कि अजीजुल हक के पास से दो भारतीय पासपोर्ट, 3 आधार कार्ड, एक पैनकार्ड, 3 डेबिट कार्ड, राशन कार्ड और 5 बैंकों की पासबुक मिली है.

Source : IANS

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