यूपी हिंदी (Hindi) भाषी क्षेत्र होने के बावजूद भी यहां के बच्चे पिछले 2 साल से हिंदी में फेल हो रहे हैं. उस क्षेत्र में जहां के लोगों की सुबह हिंदी तो शाम हिंदी से होती है. लेकिन छात्र हिंदी के पेपर में ही फेल हो रहे हैं. यूपी बोर्ड (UP Board) ने शनिवार को 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया. लगभग 8 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं फेल हो गए. भारत के सबसे बड़ी बोर्ड परीक्षा में इस साल हिंदी विषय के पेपर में लगभग 8 लाख से ज्यादा छात्र फेल हो गए हैं. इस साल कक्षा 12वीं में 2.70 लाख छात्र हिंदी के पेपर में फेल हुए हैं, वहीं कक्षा 10वीं में हिंदी विषय में फेल होने वाले छात्रों की संख्या 5.28 लाख है.
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भविष्य में हिंदी भाषा का अध्ययन करना आवश्यक नहीं
इसके अलावा, लगभग 2.39 लाख छात्रों ने हिंदी के पेपर को छोड़ दिया था. इस बात से पता लगाया जाता सकता है छात्र कितनी बड़ी संख्या में हिंदी के पेपर को नजरअंदाज कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि इन दिनों छात्रों का मानना है कि भविष्य में हिंदी भाषा का अध्ययन करना आवश्यक नहीं है. पिछले साल 10वीं-12वीं की कक्षा में 10 लाख छात्र हिंदी के पेपर में फेल हो गए थे. साल 2018 में कुल 56 लाख छात्रों में से, 11 लाख से अधिक लोग यूपी बोर्ड की 10वीं-12वीं में हिंदी के पेपर में असफल रहे थे. बता दें, जो छात्र इस साल हिंदी के पेपर में फेल हुए हैं उन्हें सप्लीमेंट्री परीक्षा देने का मौका किया जाएगा.
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0वीं में 83.31% और 12वीं में 74.63% छात्र पास
यूपी बोर्ड ने कक्षा 10वीं-12वीं की परीक्षा के रिजल्ट 27 जून को घोषित किए थे. जिसमें 10वीं में 83.31% और 12वीं में 74.63% छात्र पास हुए हैं. लड़कियों ने एक बार फिर बाजी मारी है. दोनों ही बोर्ड परीक्षाओं में लड़कियों का पासिंग परसेंटेज लड़कों से ज्यादा रहा है. 10वीं कक्षा में रिया जैन ने टॉप किया है जबकि 12वीं में अनुराग मलिक पूरे प्रदेश में अव्वल रहे हैं. अनुराग को 97% और रिया जैन को 96.67% नंबर मिले हैं.