उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिवाली के अवसर पर राम राज्य की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका मतलब है समाज के हर वर्ग को बिना किसी भेदभाव के सभी योजनाओं का लाभ मिलना. उन्होंने जोर देकर कहा कि क्षेत्र, भाषा और जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए, और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं.
अयोध्या की पहचान और उसका महत्व
सीएम योगी ने अयोध्या का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी पहचान राम से थी, लेकिन वहां राम का अभाव था. उन्होंने बताया कि यह वर्ष विशेष है, क्योंकि 500 साल का इंतजार खत्म हुआ है. अयोध्या अब न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बन गई है. उन्होंने चेतावनी दी कि आज कुछ लोग जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर समाज में बंटवारा कर रहे हैं, और ऐसे तत्वों में रावण और दुर्योधन का DNA काम कर रहा है.
विभाजनकारी तत्वों की चेतावनी
योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि यदि इन विभाजनकारी तत्वों को फिर से मौका दिया गया, तो वे फिर से गुंडागर्दी करेंगे. "ये लोग बहनों की सुरक्षा के लिए खतरा बन जाएंगे और दंगे भड़काने का काम करेंगे. 2017 के पहले यही होता था," उन्होंने कहा. उनका कहना था कि अगर कोई भी सुरक्षा में सेंध लगाएगा, तो उसका अंजाम राम नाम सत्य की ओर ले जाएगा.
एकजुटता का आह्वान
सीएम ने नागरिकों से अपील की कि वे बजरंगबली बनें और समझें कि "जो रामभक्त है, वही राष्ट्रभक्त भी बन सकता है." उन्होंने कहा कि सनातन धर्म और भारत एक-दूसरे के पूरक हैं और हमें बांटने वाली ताकतों से सतर्क रहना होगा. अगर ऐसी ताकतों के धोखे में आकर उन्हें मौका दे दिया गया, तो वे फिर वही काम करेंगे—गुंडागर्दी, अराजकता, और दंगा.