सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह कहने के बाद कि पीएम-केयर्स फंड से मिलने वाले पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष में ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं है, यूपी मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा कि कोरोना महामारी में जनहित की सुरक्षा के नजर से पीएम मोदी के प्रयास PM Cares का विशेष योगदान है. इस पर सवाल उठाना राहुल गांधी की अपरिक्वता का उदाहारण था. आज सुप्रीम कोर्ट ने PM CARES की महत्ता को वैधानिकता प्रदान कर दी. सत्यमेव जयते!
कोरोना महामारी में जनहित की सुरक्षा के दृष्टिगत आदरणीय PM श्री @narendramodi जी के नूतन प्रयास PM CARES का विशिष्ट योगदान रहा है.
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 18, 2020
इस पर सवाल उठाना श्री राहुल गांधी जी की अपरिपक्वता का उदाहरण था.
आज मा. सुप्रीम कोर्ट ने PM CARES की महत्ता को वैधानिकता प्रदान कर दी.
सत्यमेव जयते!
इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा था कि पीएम-केयर्स पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले ने राहुल गांधी और उनके भाड़े के आदमियों (रेंट-ए-कॉज बैंड) के कुटिल मंसूबों पर पानी फेर दिया है. यह दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगियों के गलत इरादे और दुर्भावनापूर्ण प्रयासों के बावजूद सच्चाई सामने आती है."
नड्डा दावा करते रहे हैं कि कि फंड के लिए व्यापक जनसमर्थन मिला है. उन्होंने आरोप लगाया, "राहुल गांधी के इस बारे में हल्ला मचाने को आम आदमी ने बार-बार खारिज किया है, जिन्होंने पीएम-केयर्स में भारी योगदान दिया है. शीर्ष कोर्ट ने भी अपना फैसला सुना दिया है, क्या राहुल और उनके रेंट-ए-कॉज कार्यकर्ता खुद में सुधार लाएंगे या आगे भी शर्मिदा होते रहेंगे."
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बता दें की सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि पीएम-केयर्स फंड की धनराशि को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) में स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं है. व्यक्ति स्वेच्छा से एनडीआरएफ में योगदान कर सकते हैं. जस्टिस अशोक भूषण, आर. सुभाष रेड्डी और एम. आर. शाह की खंडपीठ ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें पीएम केयर्स फंड के पूरे पैसे को एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून को एक जनहित याचिका को लेकर केंद्र को नोटिस जारी किया था. इस याचिका में पीएम केयर्स फंड के पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी.
सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) ने दावा किया था कि कोविड -19 महामारी की पृष्ठभूमि में एनडीआरएफ का उपयोग अधिकारियों द्वारा नहीं किया जा रहा है, और पीएम केयर्स फंड की स्थापना आपदा प्रबंधन अधिनियम के दायरे से बाहर है. पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि केंद्र को कोविड -19 के लिए एक नई राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना तैयार करनी चाहिए.