मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वतंत्रता सेनानी 'वीर सावरकर' पुस्तक का लोकार्पण किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना चाहिए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सावरकर की शब्ददृष्टि आज साकार हो कर दिखाई दे रही है. भारत की स्वाधीनता के स्वरूप क्या हों, उसमें वो लगातार सक्रिय रहे. आज वो स्वरूप सामने है. सावरकर जी की बात को कांग्रेस ने माना होता तो ये देश विभाजन की त्रासदी से बच गया होता. हम आज़ादी के अमृत महोत्सव वर्ष में उनकी जन्मदिन मना रहे हैं, उस वक़्त के निर्णयकर्ता उनकी बातों से सीख लेते तो भारत विभाजन की त्रासदी से बच गया होता. उन्होंने कहा था पाकिस्तान कोई वास्तविकता नहीं हो सकती, लेकिन हिंदुस्तान हमेशा रहेगा. यह नेशन फर्स्ट की थ्योरी ही आज की वास्तविकता है. आज़ादी का अमृत महोत्सव सिर्फ आज का नहीं है. ये आने वाले 25 वर्षों का विजन है. नेशन फर्स्ट की थ्योरी हमनें अपनायी होती, तो भारत का विभाजन नहीं होता. साल 1962, 65, 1971 की लड़ाई में भारत के बहादुर सैनिकों की शहादत न होती. आज आतंकवाद, अलगाववाद न पनपते. हम हमेशा समझौते की टेबल पर हार जाते थे. अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है. सावरकर का कहना था हिंदुत्व में सभी धर्मों की जगह थी.
कांग्रेस ने वीर सावरकर का सम्मान नहीं किया
वीर सावरकर का उत्तर प्रदेश में पहला आगमन गोरखपुर में 1946 में हुआ था. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सावरकर जी ने मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया. सीएम योगी ने आगे कहा कि सावरकर जी ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को गढ़ा, अंग्रेज उनसे परेशान हो जाते थे. उन पर प्रतिबंध लगाए गए. उनकी कृतियों को जब्त किया गया, लेकिन वो बुद्धिबल से उन्हें फिर गढ़ लेते थे. उनकी दिव्यदृष्टि कृतियां, वक्तव्य पूरे भारत को नया मार्ग दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोग कहते थे, कश्मीर से 370 समाप्त नहीं हो सकता. आज हो गया जो आपके सामने है. उनका कालखंड पूरे देश को एक विजन, दृष्टि देकर सिखाता है. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण उसी दृष्टि का परिणाम है, वो कहते थे मेरे लिए कोई अल्पसंख्यक बहुसंख्यक नहीं. सबको समान अवसर, व्यवस्था मिलनी चाहिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने वीर सावरकर का सम्मान नहीं किया.
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वीर सावरकर की दृष्टि आज भी प्रासंगिक
उत्तरप्रदेश में रामनवमी पर कहीं कोई दंगे नहीं हुए, सड़क और नमाज नहीं हुए. सड़क कोई धार्मिक कार्यक्रम के लिए नहीं होते, अलविदा की नमाज़ नहीं होती. उन्होंने कहा कि धर्मस्थलों पर लगे माइको से आज उत्तर प्रदेश की जनता काफी सुकून महसूस कर रही होगी. उन्होंने कहा कि सकारात्मक प्रयास से ही चीजें होंगी, वीर सावरकर की दृष्टि आज भी प्रासंगिक है, भारत को फिर से किसी विभाजन की त्रासदी से सावरकर की दृष्टि ही बचा सकती है. इस पूरे कार्यक्रम के लिए प्रभात प्रकाशन को धन्यवाद देता हूं.
जैसा हमारा भारत होगा, वैसा ही हमारा भविष्य भी होगा
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये अमृतकाल है, याद रखिये जैसा हमारा भारत होगा, वैसा ही हमारा भविष्य भी होगा. हमें मिलकर अपने अपने फील्ड में मिलकर काम करना होगा. यह सावरकर जी की कृति हर पुस्तकालय विश्वविद्यालय में जानी चाहिए,थीसिस होनी चाहिए, शोध होने चाहिए. सीएम योगी ने कहा कि सावरकर जी के बारे जरा सा अगर उन लोगों को पता होता तो उन लोगों के बेशर्मी के बोल न निकलते. उन्होंने बेशर्मी की चादर ओढ़ ली. उन्हें सावरकर जी की वीरता का ज्ञान ही नहीं था. लोहिया जी ने कहा था कोई व्यक्ति 50 वर्ष बाद अगर श्रद्धा के साथ स्मरण किया जाता है तो वो सामान्य व्यक्ति नहीं हो सकता, अब हम उनके जाने के 56 वर्ष बाद याद कर रहे हैं. तो हम उनके व्यक्तित्व के बारे में आंकलन कर सकते हैं. चौरी चौरा की घटना के लिए वो साक्षी रहे, कांग्रेस की विभाजन की सोच के कारण इन्होंने कांग्रेस की सोच से किनारा कर लिया. हिन्दू महासभा के बाद में हमारे दादा गुरु महंत दिग्विजय नाथ भी जुड़े.
HIGHLIGHTS
- वीर सावरकर पर लिखी पुस्तक का विमोचन
- सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया पुस्तक का विमोचन
- कांग्रेस ने नहीं किया वीर सावरकर का सम्मान