चौरी-चौरा शताब्दी समारोह आयोजन को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय आयोजन समिति की पहली बैठक राजभवन के गांधी सभागर में हुई. इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य मंत्रियों व विपक्ष के नेताओं ने भी हिस्सा लिया. बैठक में शताब्दी वर्ष से जुड़े सुझाव भी उनसे लिए गए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल को जानकारी दी कि 4 फरवरी से पूरे एक साल तक चौरीचौरा शताब्दी समारोह का आयोजन प्रदेशभर में किया जाएगा.
इस दौरान चौरी-चौरा शताब्दी समारोह का लोगो भी जारी किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि शताब्दी समारोह का प्रचार-प्रसार ग्रामीण इलाकों में व्यापक स्तर पर किया जाए. समारोह के अंतर्गत वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों के आयोजन के बाबत एक कार्ययोजना बनाई जा रही है. चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में भी एक राज्यस्तरीय कार्यकारी समिति भी गठित हुई है.
ये भी पढ़ें- PM मोदी आज यूपी के 6.1 लाख लोगों के लिए जारी करेंगे आर्थिक सहायता राशि
राज्यस्तरीय कार्यकारी समिति में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री, विधानमंडल विभिन्न दलों के नेता सदन, स्थानीय सांसद, विधायक सहित अन्य सदस्यों को रखा गया है. चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के अवसर पर सभी जिलों में शहीद स्मारक स्थलों पर पुलिस बैंड के साथ शहीदों को सलामी दी जाएगी. इसके बाद अन्य कार्यक्रम भी आयोजित होंगे.
शताब्दी समारोह का लोगो चौरी-चौरा स्मारक को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इस अवसर पर संचार मंत्रालय, भारत सरकार से पत्र व्यवहार कर डाक टिकट जारी करने का अनुरोध किया जाएगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने शहीदों पर उच्च स्तर के शोध भी कराए जाने की बात कही, ताकि युवा पीढ़ी भी उनकी वीर गाथाओं से रूबरू हो सके. उनसे प्रेरणा ले सके.
ये भी पढ़ें- निर्दलीय का नामांकन निरस्त, BJP के 10 और SP के 2 प्रत्याशी बनेंगे MLC
मुख्यमंत्री ने कहा कि चौरी-चौरा शताब्दी समारोह तथा आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की थीम स्वदेशी, स्वावलम्बन और स्वच्छता पर आधारित होगी. कार्यक्रमों में खादी के प्रचार-प्रसार तथा स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने से संबंधित आयोजन किए जाएंगे.
इसमें स्वावलम्बन से जुड़े स्थानीय और विशिष्ट उत्पादों से सम्बन्धित कार्यक्रम आयोजित होंगे. 'एक जनपद एक उत्पाद' योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, विभिन्न जनपदों के कृषि एवं बागवानी से जुड़े विशिष्ट उत्पादों यथा गुड़, काला नमक चावल, केला, आंवला सहित आर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा देने के संबंध में कार्यक्रम आयोजित होंगे. आयोजन के साथ महिला स्वयंसहायता समूहों को भी जोड़ा जाएगा.
Source : IANS