UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है. उन्होंने 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' का शुभारंभ करने के निर्देश दिए हैं, जिसका उद्देश्य आगामी 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है. यह योजना प्रदेश के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और युवा शक्ति को नई दिशा प्रदान करेगी.
2024-25 के बजट में योजना का प्रावधान
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में इस अभियान के लिए प्रावधान किया था. मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि अब इस योजना पर तुरंत अमल किया जाए. यह कदम राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के माध्यम से सशक्त बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा.
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हर वर्ष एक लाख सूक्ष्म उद्यम
वहीं इस योजना के तहत, प्रति वर्ष एक लाख युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने की योजना है. इसके लिए बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाएगा और वित्तीय अनुदान दिया जाएगा. इस प्रकार, प्रतिवर्ष एक लाख सूक्ष्म उद्यम स्थापित किए जा सकेंगे. अगले 10 वर्षों में इस योजना के तहत 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे, जो न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाएगा.
विशेष वर्गों को प्राथमिकता
साथ ही आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान के तहत सामान्य वर्ग के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांगजन और महिलाओं को भी उद्यम स्थापित करने के लिए अनुदान देने का प्रावधान करने पर जोर दिया है. इस तरह की पहल से राज्य में सामाजिक और आर्थिक समावेशन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे विकास की प्रक्रिया में सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित होगी.
एमएसएमई विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका
इसके अलावा आपको बता दें कि कुटीर लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) विभाग इस अभियान को सफल बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए इस योजना के प्रति अपने विश्वास को व्यक्त किया और इसे रोजगार सृजन के प्रयासों में अहम बताया. बहरहाल, यह अभियान न केवल युवाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाएगा, बल्कि राज्य में उद्यमिता की संस्कृति को भी प्रोत्साहित करेगा. आने वाले वर्षों में यह योजना उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भरता और विकास की दिशा में एक नया मुकाम दिलाने में सहायक सिद्ध होगी.