UP Congress Overhauled: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन यूपी में अच्छा रहा. वहीं पार्टी ने लोकसभा चुनाव में 99 सीट अपने नाम किए, जिसके बाद से कांग्रेस के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं. इस बीच लंबे समय बाद यूपी में अपने अच्छे प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अभी से 2027 यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट चुकी है.
2027 विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारी
पार्टी की नजर अभी से ऐसे जिले और शहरी अध्यक्षों पर है, जो अपना काम सही से नहीं कर रहे हैं या जिनकी भूमिका पार्टी में निष्क्रिय हो चुकी है. पार्टी ऐसे कार्यकर्ताओं व नेताओं की छुट्टी करने की तैयारी कर रहा है. इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के करीबियों को 6 राष्ट्रीय सचिवों को यूपी में कमान सौंपी गई है. पार्टी को विधानसभा चुनाव से पहले दुरुस्त करने के लिए कांग्रेस जुटी हुई है.
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यूपी कांग्रेस में 'ओवरहालिंग'
पार्टी जिलों के प्रभारियों से लगातार फीडबैक ले रही है. जो भी जिला और शहर अध्यक्ष सही से काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और उनकी जगह किसी दूसरे को जिम्मेदारी दी जा रही है. एक बार फिर से अपने शीर्ष वोटर्स मुस्लिम और दलितों को लुभाने की तैयारी में जुटी हुई है. .यूपी में कांग्रेस के मुख्य वोटर्स में दलित और मुस्लिम शामिल हैं, जिसे पार्टी फिर से एक जुट कर रही है. बता दें कि यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. इससे पहले कांग्रेस अपनी रणनीति बनाती नजर आ रही है.
लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद
आपको बता दें कि 1989 के बाद से कांग्रेस यूपी में सत्ता में नहीं आई है. वहीं, 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में तो कांग्रेस ने सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज की थी. वहीं, 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन पिछले दो लोकसभा चुनावों से बेहतर रहा और कुल 6 सीटों पर जीत दर्ज की. जिसमें रायबरेली, अमेठी, सहारनपुर, सीतापुर और प्रयागराज शामिल है. इस जीत के बाद कांग्रेस 2027 विधानसभा चुनाव में बड़ा मौका तलाश रही है. यूपी में दलित वोटर्स को लुभाने के लिए कांग्रेस ने अल्पसंख्यक प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम को राष्ट्रीय सचिव बनाया है. साथ ही उन्हें बिहार का प्रभार भी सौंपा है.