Advertisment

इस्लामिक दावा सेंटर की आड़ में चलता था धर्मांतरण का खेल, उमर गौतम ने किए ये खुलासे

पीएफआई (PFI) का सामाजिक चेहरा बनकर काम करने वाले और फंड जुटाने वाले SDPI पर जब शिकंजा कसा गया तो इस्लामिक दावा सेंटर को खड़ा कर दिया गया था. सूत्रों के अनुसार, इस संस्था को फंड जुटाने के सिए ही हिंदूओं को धर्मांतरण करवाने का भी टास्क दिया गया था.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
conversion case

UP Conversion case( Photo Credit : सांकेतिक चित्र)

Advertisment

उत्तर प्रदेश के धर्मांतरण मामले में नया खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों की जांच में सामने आया है कि धर्म परिवर्तन करवाने के लिए उन्हें विदेशों से फंड मिलता था. पीएफआई (PFI) का सामाजिक चेहरा बनकर काम करने वाले और फंड जुटाने वाले SDPI पर जब शिकंजा कसा गया तो इस्लामिक दावा सेंटर को खड़ा कर दिया गया था. सूत्रों के अनुसार, इस संस्था को फंड जुटाने के सिए ही हिंदूओं को धर्मांतरण करवाने का भी टास्क दिया गया था. आरोपी उमर गौतम की तरफ से यह भी दावा किया गया है कि इस्लामिक दावा सेंटर में हर महीने करीब 15 से ज्यादा लोगों के धर्मांतरण से संबंधित कागजात तैयार किए जाते हैं. 

ये भी पढ़ें: ऐसे चलता था धर्म परिवर्तन का खेल, पढ़ें हिंदू से मुस्लिम बना उमर गौतम का इतिहास

दरअसल, धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार आरोपी उमर गौतम कई वीडियो सामने आए हैं. उमर ने दावा करते हुए कहा कि इस्लामिक दावा सेंटर जामिया दिल्ली में उसने करीब 1000 लोगों के धर्मांतरण संबंधी डॉक्यूमेंट जारी किए हैं. गौतम के मुताबिक, इस्लामिक दावा सेंटर में हर महीने करीब 15 से ज्यादा लोगों के धर्मांतरण से संबंधित कागजात तैयार किए जाते हैं. 

यूपी पुलिस के सूत्रों के अनुसार, उमर गौतम ने इस बात को माना है कि इस्लामिक दावा सेंटर में इंग्लैंड, सिंगापुर, पोलैंड तक में धर्मांतरण का काम होता है, लोगों के इस्लाम कबूल करने से अल्लाह का काम हो रहा है. 

सीएम योगी ने दिए  एनएसए लगाने का आदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मूक-बधिर और शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों और युवाओं के धर्मांतरण में शामिल लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई के आदेश दिए हैं. पुलिस ने कहा कि 1,000 से अधिक लोगों को जबरन इस्लाम में परिवर्तित करने के आरोप में सोमवार को दिल्ली से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

मुख्यमंत्री ने कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं और एजेंसियों से रैकेट की आगे जांच करने और इसमें शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के लिए गहराई से जांच करने को कहा है. राज्य सरकार ने अधिकारियों को आरोपियों की संपत्तियों को जब्त करने का भी आदेश दिया है.

ऐसे करवाते थे लोगों का धर्म परिवर्तन

दिल्ली के जामिया नगर में दो लोग कथित तौर पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से फंडिंग के साथ उत्तर प्रदेश में बधिर छात्रों और अन्य गरीब लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने में शामिल एक संगठन चला रहे थे. लखनऊ के एटीएस पुलिस स्टेशन में मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने गिरफ्तारियां की.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम के रूप में की है. दोनों नई दिल्ली के जामिया नगर के निवासी हैं.

एडीजी ने कहा कि गौतम, जो खुद हिंदू धर्म से इस्लाम में परिवर्तित हो गया, उसने पुलिस पर कम से कम 1,000 लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने, उन्हें शादी, पैसे और नौकरी का लालच देने का दावा किया था.

कुमार ने गौतम के हवाले से कहा, "मैंने कम से कम 1,000 गैर-मुसलमानों को इस्लाम में परिवर्तित किया, उन सभी की शादी मुसलमानों से की." एडीजी ने कहा कि वे जिस संगठन को चलाते थे, वह 'इस्लामिक दावाह सेंटर' है, जिसकी पहुंच पाकिस्तान की आईएसआई और अन्य विदेशी एजेंसियों तक है.

उन्होंने आगे कहा कि एटीएस खुफिया सूचनाओं पर काम कर रही थी कि कुछ लोगों को आईएसआई और अन्य विदेशी एजेंसियों से गरीब लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने और समाज में सांप्रदायिक दुश्मनी फैलाने के लिए धन मिल रहा था.

एटीएस जांच के परिणामस्वरूप दोनों की गिरफ्तारी हुई है और उन पर भारतीय दंड संहिता और उत्तर प्रदेश के कड़े धर्मांतरण विरोधी कानून सहित विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया गया है. एडीजी ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा और पुलिस मामले की आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत की मांग करेगी.

CM Yogi UP सीएम योगी धर्म परिवर्तन UP Conversion Case conversion case उमर गौतम Umar Gautam Islamic Centre धर्मांतरण केस इस्लामिक दावा सेंटर
Advertisment
Advertisment
Advertisment