वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ग्राउंड जीरो पर उतरने का असर दिखने लगा है. योगी 30 अप्रैल से ही जिलों और मंडलों के दौरे कर रहे हैं. अब तक उन्होंने प्रदेश के 18 मंडलों में से 17 मंडलों का दौरा किया है. इस दौरान वह लोगों से गांवों में उनके घर जाकर मिल रहे हैं. अस्पतालों में भर्ती संक्रमितों से भी उपचार और स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं. कोरोना की चेन तोड़ने के लिए मुख्यमंत्री लागातार प्रयास कर रहे हैं. सरकार का दावा है 23 दिनों में संक्रमण के 2,34,000 मामले कम हुए हैं. इससे संक्रमण में गिरावट देखी जा सकती है.
योगी कोरोना के खिलाफ जंग में फ्रंटफुट पर हैं. वह 14 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे. इस दौरान उन्होंने होम आइसोलेशन में रहते हुए रोजाना न सिर्फ अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की, बल्कि समाज के विभिन्न तबकों के साथ वर्चुअली संवाद कार्यक्रम भी जारी रखा. 30 अप्रैल को रिपोर्ट निगेटिव आने के तुरंत बाद वह ग्राउंड जीरो पर उतर गए और लखनऊ में उन्होंने डीआरडीओ की ओर से बनाए गए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया था.
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मुख्यमंत्री योगी ने ग्राउंड जीरो पर मंडलों, जिलों और गांवों में दौरे किए. उन्होंने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ मंडल स्तर की समीक्षा बैठकें कीं, गांव के लोगों से उनके घर, अस्पताल जाकर संवाद किया, एक लाख गांवों में निगरानी समितियों को सक्रिय करके संक्रमितों की पहचान और 24 घंटे में टेस्ट कराकर मेडिसिन किट पहुंचाने की व्यवस्था की. जरूरत के अनुसार लोगों को आइसोलेट और अस्पताल में भर्ती कराया और इन्फेक्शन की चेन को ब्रेक किया. उसी का नतीजा आज उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते टेस्ट और घटते केस के रूप में दिख रहा है.