Amroha Murder Case: उत्तर प्रदेश में बदमाशों के मन से पुलिस का डर खत्म होता जा रहा है. अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि इस बार उन्होंने भाजपा विधायक तक को नहीं छोड़ा. बेशक योगी सरकार इन असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने के लिए पूर्णजोर प्रयास कर रहे हैं बावजूद इसके आपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं.
दरअसल, अमरोहा में दबंगों ने बीजेपी विधायक महेंद्र सिंह खड़गवंशी के सगे मामा सत्यप्रकाश की गोली मारकर हत्या कर दी. इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई. वहीं दूसरी ओर लोग भी डरे और सहमे हुए हैं. वारदात स्थल पर भारी पुलिस बल भी तैनात है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचती है और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज देती है. पुलिस का कहना है कि हत्यारे अभी गिरफ्त से बाहर हैं. इधर इस घटना के बाद परिवार में मातम पसर गया है.
कैसे हुई वारदात
मिली जानकारी के अनुसार वारदात बुधवार रात को हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के घंसूरपुर गांव की बताई जा रही है. यहां की हसनपुर सीट से विधायक महेंद्र सिंह के मामा सत्यपकाश घटना वाले दिन घर के बाहर बनी गोशाला में सो रहे थे. तभी बदमाशों ने सोते वक्त ही उनके सीने में गोली मार दी. गोली की आवाज सुनकर परिवार के लोग भागकर मौके पर पहुंचे, जहां सत्यप्रकाश चारपाई पर खून से लथपथ पड़े थे.
इसके बाद आनन-फानन में उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित करने के बाद सत्यप्रकाश के परिवार में कोहराम मच गया. इधर, इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस डिपार्टमेंट में हड़कंप मच गया.
हत्या की क्या रही वजह
भाजपा विधायक के मामा की हत्या के बाद इलाके के लोग में भारी गुस्सा है. वहीं मौके पर पुलिस फोर्स भी तैनात कर दिया गया है. इसके अलावा कातिलों की छानबीन में भी पुलिस जुटी हुई है. हालांकि, हत्या की वजह क्या रही ये अभी साफ नहीं हो पाया है. ऐसे में हर एंगल पर जांच की जा रही है.
पांच बच्चों के पिता थे सत्यप्रकाश
बता दें मृतक के सत्यप्रकाश के तीन बेटे और दो बेटियां हैं. बेटे किसानी का कार्य करते हैं. परिजनों ने पुलिस को बताया कि घंसूरपुर गांव में सत्यप्रकाश घर के बाहर बनी गैशाला के पास सो रहे थे. बीती रात करीब 12 बजे गोली की आवाज सुनी तो दौड़कर मौके पर पहुंचे और देखा कि वह खून से लथपथ पड़े थे. पहले उन्हें सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी गंभीर हालत देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया. जिसके बाद परिजन उन्हें मुरादाबाद के निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.