उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के सातवें चरण में गाजीपुर (Ghazipur) जिले में 7 मार्च को मतदान होगा. इस जिले में विधानसभा की कुल 7 सीटें हैं. पहले इस जिले की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट की खूब चर्चा होती थी. यह माफिया छवि वाले मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का घरेलू मैदान है. इस वजह से यह सीट हमेशा सुर्खियों में रहा करती थी. वहीं के चुनाव में इस जिले की जहूराबाद (Zahoorabad) सीट की चर्चा है. इसकी वजह है यहां से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) का चुनाव लड़ना. वो सुभासपा और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं.ओमप्रकाश राजभर के सामने पूर्व मंत्रीऔर बसपा (BSP) प्रत्याशी शादाब फातिमा और पूर्व विधायक और बीजेपी (BJP) उम्मीदवार कालीचरण राजभर तगड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं. इससे जहूराबाद विधानसभा सीट पर चुनाव काफी रोचक हो गया है.
ओमप्रकाश राजभर पहले खुद को 'गब्बर' बताते थे. गब्बर कहने के सवाल पर जब बीजेपी उम्मीदवार कालीचरण राजभर ने कहा कि कौन गब्बर है उसकी औकात 10 तारीख को पता चल जाएगी.वहीं बसपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री शादाब फातिमा ने ओमप्रकाश राजभर को सबसे बड़ा गुंडा करार दिया. फातिमा ने कहा कि वह क्या लड़ेंगे जो मुझसे दो बार चुनाव हार चुका हो और मैं कभी हारी नहीं, दुर्भाग्य था कि 2017 के चुनाव में मेरा टिकट काट दिया गया, वरना 2017 में ओमप्रकाश राजभर चुनाव नहीं जीत पाते.
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शादाब फातिमा का कहना था कि जहूराबाद की जनता जाति की राजनीति से ऊपर उठकर विकास के मुद्दों पर वोट करेगी और जो मैंने विकास किया है उसके बारे में जनता खुद जानती है. उन्होंने कहा कि जनता यह भी जानती है कि अपने को गब्बर कहने वाला ओमप्रकाश राजभर अपने विधानसभा में कितना काम किए हैं. उन्होंने बताया कि 2012 के चुनाव में ओमप्रकाश राजभर तीसरे स्थान पर थे और इस बार के चुनाव में किस स्थान पर चले जाएंगे शायद उन्हें अंदाजा भी नहीं है.
शादाब फातिमा बीजेपी उम्मीदवार कालीचरण राजभर और ओमप्रकाश राजभर को मात देने के लिए लगातार दो टू डोर प्रचार के साथ-साथ नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से अपने समय में कराए गए विकास कार्यों को लोगों को बता रही हैं.
जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र राजभर बाहुल्य इलाका है. इसी वोट बैंक की मदद से 2017 के चुनाव में ओमप्रकाश राजभर बीजेपी से गठबंधन कर विधायक बने थे. इस विधानसभा में चौहान, क्षत्रिय, मुसलमान, और यादव मतदाता भी हैं. इनकी भी चुनाव पर पकड़ है. इस वजह से यहां का चुनाव जाति आधारित चुनाव में बदल गया है.
एक तरफ जहां इस चुनाव में इन 3 महारथियों के चुनाव लड़ने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी भी अपनी जीत का दावा कर रहा है. कांग्रेस उम्मीदवार ज्ञान सिंह मुन्ना का कहना है कि इस विधानसभा में ओमप्रकाश राजभर ने कोई भी काम नहीं कराया है. इस वजह से जनता उन्हें इस बार विधायक बनाकर विधानसभा भेजेगी.