अखिलेश यादव ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि परिवार की झगड़ा न हुआ होता तो उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान राहुल गांधी का साथ भी न हुआ होता।
"यूपी को ये साथ पसंद है" का नारा लगाने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि ये साथ मजबूरी में किया गया है।
अंग्रेज़ी अखबार 'द हिंदू' को दिये इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने कहा है कि पार्टी का अंदरूनी झगड़ा कांग्रेस के साथ गंठबंधन का बड़ा कारण रहा है।
उन्होंने कहा, "शायद ये नहीं हुआ होता, जैसा मैंने कहा कि ये गठबंधन एक विशेष समय और परिस्थिति में हुआ है। अगर ये सब (पारिवारिक झगड़ा) नहीं हुआ होता और कुछ राजनीतिक फैसले न लेने होते तो फिर ये गठबंधन नहीं हुआ होता।"
अखिलेश यादव ने कहा, " वक्त की मांग थी कि ये गठबंधन किया जाए और राज्य की जनता को ये संदेश दिया जाए कि राज्य में एक प्रगतिशील सरकार वापस आ सकती है। अगर दो युवा नेता साथ आते हैं तो लोगों में ज्यादा आशावान होंगे।"
उन्होंने कहा, " कुल मिलाकर कांग्रेस के साथ गठबंधन एक अच्छा फैसला था और इसके अच्छे परिणाम भी आएंगे। ये सबसे बड़ा लाभ है इसका।"
हालांकि उन्होंने गठबंधन में हुई देरी के लिय भी पारिवारिक झगड़े को ही बड़ा कारण माना। उन्होंने कहा कि अगर थोड़ा पहले ये गठबंधन होता तो बेहतर होता।
साथ ही इंटरव्यू में उन्होंने बताया, "जब भी कांग्रेस कमजोर पड़ी है, तभी समजावादी उनके करीब मिले हैं। कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी के कई बार मतभेद भी हुए हैं। लेकिन समाजवादी लोगों को यह भी याद रखना चाहिए कि वे सभी कांग्रेस के ही प्रोडक्ट हैं। उस समय कांग्रेस एकमात्र विपक्षी पार्टी हुआ करती थी, अगर कोई पार्टी सत्ता में है तो उसे उसी के खिलाफ लड़ना होता था। लेकिन अब समय बदल गया है। अब देश की धर्म निरपेक्षता को बचाने के लिए एक राजनीतिक एकजुटता की जरूरत है।"
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उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं ऐसे में कोई तो होना चाहिये जो ऐसे राजनीतिक नेताओं का सामना कर सके।"
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव साथ में मिलकर लड़ रही हैं। 403 विधानसभा सीटों में से 298 पर समाजवादी पार्टी और 105 पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
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Source : News Nation Bureau