प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन लगभग 75 बैंक खातों को खंगालना शुरू कर दिया है, जिनका उपयोग कथित रूप से उत्तर प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा फंडिंग देने के लिए किया गया था. हाल ही में पीएफआई पर आरोप लगा है कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध प्रदर्शनों के लिए फंडिंग का काम कर रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, ईडी द्वारा प्राप्त बैंक के दस्तावेजों और सबूतों के अनुसार सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान एक दिन में इन खातों से कथित रूप से 90 बार निकासी की गई थी.
ईडी के एक सूत्र ने दावा किया, "हम पीएफआई के सदस्यों और उनके समर्थकों के खातों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान निकासी की गई है. विरोध प्रदर्शनों के हिंसक रूप लेने से कुछ समय पहले ही निकासी की गई थी. हम उन खातों की भी जांच कर रहे हैं, जहां इस अवधि के दौरान बड़ी रकम जमा की गई."
पैसे निकालने के दिनों के विभिन्न बैंकों के सीसीटीवी फूटेज भी पीएफआई के समर्थकों की पहचान करने के लिए जुटाए जा रहे हैं.
यह पहली बार है जब ईडी पीएफआई के वित्तीय पहलू की जांच कर रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार ने पहले ही प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने 25 पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर राज्य में सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के लिए जिम्मेदार थे. गिरफ्तार किए गए लोगों में पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद भी शामिल है.
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओ. पी. सिंह के अनुसार, पीएफआई प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का एक पुनर्निर्मित संगठन है.
राज्य पुलिस की विभिन्न एजेंसियां उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में पीएफआई इकाइयों और उनके समर्थकों की उपस्थिति की जांच कर रही हैं. पीएफआई के महासचिव मोहम्मद अली जिन्ना ने दो दिन पहले एक बयान जारी किया था, जिसमें पीएफआई और सीएए विरोध के बीच कथित संबंधों से जुड़ी खबरों की निंदा की गई थी.
Source : IANS