गोरखपुर में मॉडलिंग की दुनिया में साल 2018 तक काफी तेजी से चर्चित हुआ एक नाम था सिमरन गुप्ता का। सिमरन साल 2018 में मिस गोरखपुर चुनी गई थी और उसका सपना था कि वह मॉडलिंग की दुनिया में ही अपना कैरियर बनाएं लेकिन सिमरन के सपनों पर कोविड-19 ने ग्रहण लगा दिया। कोविड का दौर खत्म होने के बाद मंदी की मार से जूझ रहे सिमरन के पिता ने आर्थिक दिक्कतों की वजह से उसे मुम्बई भेजने से मना कर दिया। मॉडलिंग की दुनिया में अपना कैरियर बनाने का सपना देखने वाली सिमरन को अपने सपने टूटने का दुख तो हुआ लेकिन सिमरन ने हार नही मानी और उस काम को करना शुरू कर दिया जिसको अधिकतर जगहों पर पुरुष ही करते हैं।
सिमरन ने महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज के पास एक चाय की छोटी सी दुकान की शुरुआत की। बेहद कम पूंजी में सिमरन ने इस चाय की दुकान को खोलना शुरू किया। एक मॉडल को चाय बेचता देख तमाम लोगों ने कई तरह की बातें करनी शुरू की लेकिन 'कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना' कि फिलासफी को अपनाते हुए सिमरन अपने काम में लगी रही और आज वह मॉडल चाय वाली के नाम से गोरखपुर में फेमस हो चुकी है। सिमरन की दुकान पर कॉलेज के युवा लड़के लड़कियों की भीड़ हमेशा लगी रहती है और लोग सिमरन की चाय के दीवाने हो चुके हैं। चाय बेचने में सिमरन का हाथ बंटाने के लिए उसके पिता राजेन्द्र गुप्ता भी आते हैं और वह अपनी बेटी के फैसले से काफी खुश नजर आ रहे हैं। सिमरन का कहना है कि छोटे शहर की लड़कियां जब कुछ नया करने की कोशिश करती हैं तो उन्हें कई तरह की बातें सुननी पड़ती हैं लेकिन अगर इरादे मजबूत हो और काम को दिल से किया जाए तो कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं रह जाता।
आज उनकी चाय पीने के लिए काफी दूर से लोग आते हैं और उन्हें इस शुरुआत के लिए बधाई देते हैं तो उनके लिए यही सबसे बड़ी उपलब्धि है। सिमरन का मानना है कि जब एक चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है और चाय बेचकर कई आईआईटीयंस अपनी ब्रांड की फ्रेंचाइजी पूरे देश में खोल सकते हैं तो वह क्यों नहीं ऐसा कर सकती। छोटी सी चाय की दुकान की कमाई से सिमरन आज अपने परिवार को चलाने भर का खर्चा निकाल ले रही है और अब इस काम में अपने साथ दूसरी लड़कियों को भी जोड़ने की शुरुआत करने जा रही है। मॉडल चाय वाली के नाम से मशहूर सिमरन के इस दुकान का जायजा लिया संवाददाता दीपक श्रीवास्तव ने
Source : Deepak Shrivastava