उत्तर प्रदेश कानपुर के संजीत यादव के हत्या के मामले ने राज्य की सियायत को गर्मा दिया है. यूपी की कानून व्यवस्था और योगी सरकार पर लगातार राजनीतिक हमले और सवाल उठाए जा रहे हैं. कांग्रेस महासचिव प्रिंयका गांधी ने जहां राज्य को गुंडाराज और जंगलराज बताया. वहीं दूसरी तरफ यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही.
अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर हमला बोलते हुए संजीत यादव के परिवार को 50 लाख मुआवजा देने की मांग की हैं. इसके साथ उन्होंने पीड़ित परिवार को सपा की तरफ से 5 लाख मुआवजा देने का ऐलान भी किया है.
ये भी पढ़ें: यूपी में गुंडाराज आया है, जंगलराज में कानून-व्यवस्था गुंडों के सामने सरेंडर कर चुकी है: प्रियंका गांधी
सपा नेता अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'कानपुर से अपहृत इकलौते बेटे की मौत की ख़बर दुखद है. चेतावनी देने के बाद भी सरकार निष्क्रिय रही. अब सरकार 50 लाख का मुआवज़ा दें. सपा मृतक के परिवार को 5 लाख की मदद देगी. अब कहां है दिव्य-शक्ति सम्पन्न लोगों का भयोत्पादक प्रभा-मण्डल व उनकी ज्ञान-मण्डली. यूपी में राष्ट्रपति शासन!'
कानपुर से अपहृत इकलौते बेटे की मौत की ख़बर दुखद है. चेतावनी देने के बाद भी सरकार निष्क्रिय रही. अब सरकार 50 लाख का मुआवज़ा दे.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 24, 2020
सपा मृतक के परिवार को 5 लाख की मदद देगी.
अब कहाँ है दिव्य-शक्ति सम्पन्न लोगों का भयोत्पादक प्रभा-मण्डल व उनकी ज्ञान-मण्डली.#PresidentRuleInUP
बता दें कि कानपुर के बर्रा से करीब एक माह पहले लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण फि रौती के लिए उसके दोस्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर किया था. उन्होंने यादव की हत्या कर लाश को पांडु नदी में फेंक दिया था. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया कि बर्रा से अपहरण किए गए युवक की 23 जून को गुमशुदगी की शिकायत लिखी गई थी. इसके बाद 26 जून को उसे एफआईआर में तब्दील किया गया. 29 जून को परिजनों के पास फि रौती के लिए कॉल आया था. मामले में सर्विलांस और क्राइम ब्रांच की टीमों को मामले में लगाया गया था.
पुलिस की टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. इसमें दो लोग संजीत के खास दोस्त थे, जिन्होंने संजीत के साथ पहले अन्य पैथोलॉजी में काम किया था. उन्होंने कबूल किया है कि उन्होंने 26 या 27 जून को ही संजीत की हत्या कर दी थी. इसके बाद शव को पांडू नदी में फेंक दिया था.
इस मामले में 4 पुरूषों और एक महिला को गिरफ्तार किया गया है. वहीं शव को बरामद करने के लिए टीमें बनाई गई हैं. इस घटना के बाद एसएसपी दिनेश कुमार पी ने इंस्पेक्टर रणजीत राय को निलंबित कर दिया था. वहीं खोज के लिए एसओजी, सर्विलांस टीम और कई थानों की पुलिस लगाई गई थी.