उत्तर प्रदेश सरकार ने फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में प्रोडक्शन, ब्रांडिंग और मार्केटिंग को लेकर उद्यमियों और किसानों को प्रोत्साहित किया तो इस ओर लोगों का रुझान भी बढ़ता दिखाई देने लगा है. झांसी मंडल में एक साल में करीब 26 से अधिक फूड प्रोसेसिंग यूनिट की शुरुआत हुई है, जिनमें छोटे और बड़े दोनों स्तर के यूनिट हैं. अधिकांश यूनिट छोटे स्तर के हैं और स्थानीय उपज को ध्यान में रखते हुए इन्हें तैयार किया गया है. सरकार की ओर से इकाइयों की शुरुआत के लिए एक लाख रुपये से लेकर पचास लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई है.
सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, जालौन में एक साल में 2 बड़े और 17 छोटे फूड प्रोसेसिंग प्लांट शुरू हुए हैं. इसी तरह झांसी में 3 छोटे और एक बड़े प्रोसेसिंग प्लांट की शुरुआत हुई है. ललितपुर में तीन बड़े प्रोसेसिंग प्लांट शुरू हुए हैं. जालौन में मुख्य रूप से मटर और आटे से संबंधित, झांसी में दाल, सब्जी और फलों की प्रोसेसिंग से संबंधित और ललितपुर में फ्रूट जूस, बॉटलिंग प्लांट, दाल मिल आदि के कामों पर केंद्रित इकाइयों की शुरुआत हुई है. इन इकाइयों की स्थापना में सरकार की ओर एक लाख रुपये से पचास लाख रुपये तक की आर्थिक मदद दी गई है.
फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में पढ़े-लिखे युवाओं का खासा रुझान देखने को मिल रहा है. एमिटी विश्वविद्यालय से साल 2020 में फूड टेक्नोलॉजी में बीटेक करने वाली झांसी के ग्राम उजयान की रहने वाली शिवानी बुंदेला ने पिछले साल बेर आधारित प्रोसेसिंग प्लांट की शुरुआत की. शिवानी ने 150 से अधिक किसानों को अपने साथ जोड़ा और 5000 से अधिक बेर के पौधे लगवाए. उसने खुद का ब्रांड विकसित किया और इस समय बेर का जूस, जैम, चॉकलेट, टॉफी आदि बनाकर मार्केटिंग का काम कर सफलता हासिल की. शिवानी के इस प्रयोग को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल चुकी है.
झांसी मंडल के उप निदेशक उद्यान विनय कुमार यादव बताते हैं कि सरकार की ओर से उत्पादन और विपणन दोनों पर समान रूप से ध्यान दिया गया और उद्यमियों व किसानों को प्रेरित किया गया. इस क्षेत्र में मुख्य रूप से लोग दलहन और तिलहन से जुड़े प्रोसेसिंग प्लांट पर काम कर रहे हैं. कई अन्य तरह के प्रयोग भी छोटे स्तर पर यहां के उद्यमी और किसान कर रहे हैं. निरंतर हमारे पास लोग आ रहे हैं और सरकार की योजनाओं की मदद से प्रोसेसिंग प्लांट शुरू करने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं.
Source : IANS