उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सूबे के डीजीपी मुकुल गोयल को उनके पद से हटा दिया है. बताया जाता है कि उनकी कार्यप्रणाली से मुख्यमंत्री नाराज चल रहे थे. डीजीपी गोयल को अब उनकी नाराजगी भारी पड़ गई है. मुख्यमंत्री ने शासकीय कार्यों की अवहेलना, विभागीय कार्यों में अरुचि और अकर्मण्यता के चलते उन्हें डीजीपी के पद से हटाकर नागरिक सुरक्षा का डीजी बना दिया है. माना जा रहा है कि शासन की इस कार्रवाई के पीछे हाल के दिनों की घटित कुछ बड़ी घटनाएं हैं. फिलहाल, शासन ने एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार को डीजीपी का कार्यभार सौंपा है.
गौरतलब है कि गोयल और मुख्यमंत्री के बीच लंबे अरसे से विवाद चल रहा था. बताया जाता है कि लखनऊ में एक इंस्पेक्टर को हटाए जाने के मुद्दे को गोयल ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था. लेकिन, इसके बाद भी वह इंस्पेक्टर को नहीं हटवा पाए. यह मामला जब मुख्यमंत्री तक भी पहुंचा था तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा था कि जिलों में थानेदारों की तैनाती के लिए मुख्यालय स्तर से दबाव न बनाया जाए. बताया जाता है कि इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने ने कई अहम बैठकों में DGP गोयल को नहीं बुलाया था. गौरतलब है कि पिछले वर्ष एक जुलाई को तत्कालीन डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी की सेवानिवृत्ति के बाद मुकुल गोयल को डीजीपी बनाया गया था. वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे थे.
गोयल को हटाने के पीछे ये हैं बड़ी वजहें
सूत्रों के मुताबिक गोयल को डीजीपी के पद से जिन वजहों से हटाया गया है. उनमें हाल के दिनों में ललितपुर के एक थाना परिसर में पीड़िता के साथ थानेदार द्वारा दुष्कर्म, इसके अलावा चंदौली में पुलिस की कस्टडी में कथित रूप से पिटाई से युवती की मौत के अलावा प्रयागराज में अपराध की ताबड़तोड़ घटी घटनाएं और वेस्ट यूपी में लूट की घटनाएं डीजीपी गोयल को हटाए जाने के पीछे की प्रमुख वजहें मानी जा रही है.
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भर्ती घोटाले में भी आरोपी है गोयल
गौरतलब है कि गोयल विवादों से पुराना नाता है. इससे पहले भी वे विवादों में रह चुके हैं. 2006 में मुलायम सिंह की सरकार में हुए पुलिस भर्ती घोटाले में भी उनका नाम आया था. इस मामले में अब भी एक याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है. वहीं, एक और मामले में वह निलंबित भी हो चुके हैं. 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे के बाद गोयल को एडीजी कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी अखिलेश यादव सरकार ने सौंपी थी, लेकिन तब भी उन्हें बीच में ही इस पद से हटा दिया गया था.
HIGHLIGHTS
- मुख्यमंत्री योगी से लंबे समय से चल रही थी अनबन
- विभागीय कार्यों में रुचि नहीं लेने के आरोप में हटाए गए
- पहले भी विवादों में रह चुके हैं डीजीपी मुकुल गोयल