उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पेशल सिक्यॉरिटी फोर्स के नाम से एक विशेष पुलिस इकाई का गठन करने जा रही है जिसके जिम्मे प्रदेश की औद्योगिक प्रतिष्ठानों, प्रमुख स्थलों, हवाई अड्डों, मेट्रो और खासकर कोर्ट समेत अन्य स्थानों की सुरक्षा होगी. बताया जा रहा है कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रॉजेक्ट है जिसके पास बिना वॉरंट तलाशी लेने और गिरफ्तारी करने का अधिकार होगा. स्पेशल सिक्यॉरिटी फोर्स की अगुआई एडीजी स्तर का अधिकारी करेगा.
स्पेशल सिक्यॉरिटी फोर्स को नहीं होगा वॉरंट की जरूरत
इस स्पेशल सिक्यॉरिटी फोर्स (एसएसएफ) के पास किसी भी ऐसे ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार होगा जो प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के दौरान कर्तव्यों का पालन करने से रोकता है. वहां हमला करने की धमकी देता है या फिर आपराधिक बल का प्रयोग करने की कोशिश करता है. उस व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए स्पेशल सिक्यॉरिटी फोर्स को किसी मैजिस्ट्रेट के वॉरंट की जरूरत भी नहीं होगी. सिर्फ संदेह के आधार पर बिना वॉरंट तलाशी भी ली जा सकेगी. वैसे गिरफ्तारी के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी देनी होगी और गिरफ्तार व्यक्ति को थाने के हवाले करना होगा.
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स्पेशल सिक्यॉरिटी फोर्स हमेशा ऑन ड्यूटी माना जाएगा
इस फोर्स के खिलाफ कोर्ट को संज्ञान लेने के लिए भी सरकार की मंजूरी जरुरी होगा. इस फाॅर्स के प्रत्येक सदस्य हमेशा ऑन ड्यूटी माना जाएगा और उसे प्रदेश में कहीं भी तैनाती दी जा सकती है.
एक साल में खर्च होंगे 1747 करोड़ रुपये
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि इस विशेष सुरक्षा बल में 9,919 कर्मी होंगे. शुरुआत में इसकी 5 बटालियन होंगी, जिस पर एक साल में 1747 करोड़ रुपये खर्च होगा. पीएसी का इंफ्रास्ट्रक्चर भी इसमें शेयर किया जाएगा.
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बता दें की पिछले कुछ वर्षों में हुई कुछ घटना के चलते इस तरह की सुरक्षा बलों का गठन किया गया है. पिछले वर्ष 2019 में पुरे प्रदेश में कई जगह पर अपराधियों ने अदालत में घुस कर कहर बरपाया था. साल 2019 में 17 दिसंबर को यूपी के बिजनौर में तीन हमलावर चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट की कोर्ट में घुस आए और उन्होंने वहां गोलियां बरसाकर मर्डर के आरोपी को मौत के घाट उतार दिया था. इसी तरह के कई अन्य घटना भी हुए थे जिसके चलते इस तरह के सुरक्षा बालों का गठन किया जा रहा है जिसे बिना वॉरंट तलाशी लेने और गिरफ्तार करने की छूट होगी.
Source : News Nation Bureau