योगी आदित्यनाथ सरकार ने अब आरोप लगाया है कि प्रवासी श्रमिकों को ले जाने के लिए कांग्रेस द्वारा राज्य सरकार को सौंपी गई बसों की सूची में कार, स्कूटर और ऑटो के पंजीकरण वाले नंबर शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए कांग्रेस की निंदा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को चाहिए कि वह अपने बच्चों प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी की हरकतों का जवाब दें. एक राजनीतिक दल का प्रवासी श्रमिकों के नाम पर इस तरह से 'ओछी राजनीति' करना क्षमा योग्य कृत्य नहीं है. कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए.
मंत्री ने आगे कहा कि जब कांग्रेस ने प्रवासियों को ले जाने के लिए बसें प्रदान करने की अनुमति मांगी, तो उत्तर प्रदेश सरकार ने वाहनों के विवरण मांगे थे, लेकिन बसों की इस सूची में कार, स्कूटर और ऑटो के पंजीकरण वाले नंबर शामिल हैं. वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि हो सकता है कि कुछ संख्या गलत लिखी गईं हो, लेकिन पार्टी एक हजार बसें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. गौरतलब है कि योगी सरकार ने कांग्रेस से कहा कि वह गाजियाबाद के कौशाम्बी बस स्टेशन पर 500 बसें और गौतमबुद्धनगर के एक्सपो मार्ट मैदान के पास 500 बसों को दोपहर तक भेज दे, ताकि प्रवासी मजदूरों को लाया जा सके.
यह भी पढ़ें-सिर्फ केमिकल छिड़कने से नहीं मरता कोरोना वायरस, WHO का चौंकाने वाला खुलासा
राजनीति से प्रेरित था यूपी सरकार का कदम- प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि पार्टी प्रवासी मजदूरों (Migrant labor) को राज्य में वापस लाने के लिए जो एक हजार बसें चलाना चाहती थी, उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने आज सुबह लखनऊ भेजने की मांग की थी जो साफ दर्शाता है कि योगी सरकार का यह कदम राजनीति से प्रेरित था. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि यूपी सरकार प्रवासी मजदूरों की मदद नहीं करना चाहती थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को मजदूर प्रवासियों को वापस लाने के लिए 1000 बसें चलाने के कांग्रेस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था.
यह भी पढ़ें-भारत-चीन सीमा पर ड्रैगन कर रहा है साजिश, अक्साई चीन में बढ़ाई सेना की मजबूती
प्रियंका के निजी सचिव ने भेजे थे 1000 बसों के दस्तावेज
कांग्रेस के इस प्रस्ताव को लेकर दोनों पक्षों के बीच वाकयुद्ध की सी स्थिति बन गयी थी अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह को भेजा था, जिसमें 1000 बसें सभी दस्तावेजों के साथ लखनऊ में मंगलवार सुबह 10 बजे सौंपने को कहा था. सिंह ने इसके जवाब में एक पत्र में कहा कि ऐसी स्थिति में जब हजारों मजदूर सड़कों पर पैदल चल रहे हैं और हजारों लोग उत्तर प्रदेश सीमा पर विभिन्न पंजीकरण केन्द्रों पर इकट्ठे हो गए हैं, 1000 बसों को खाली लखनऊ भेजना समय और संसाधान की बर्बादी, अमानवीय और गरीब विरोधी मानसिकता है. पत्र में उन्होंने कहा कि आपकी सरकार की यह मांग राजनीति से प्रेरित लगती है. ऐसा नहीं लगता कि आपकी सरकार हमारे मजूदर भाइयों-बहनों की मदद करना चाहती है, जो एक आपदा का सामना कर रहे हैं. (इनपुट- आईएएनएस)