उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने गैर कानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश पर मुहर लगा दी है. वहीं, आज धर्म परिवर्तन अध्यादेश को राज्यपाल ने भी मंजूरी दे दी है. दरअसल, यूपी सरकार का अध्यादेश 2020 धोखा देकर, धमका कर, गलत तरीके से प्रभाव में लेकर, लालच देकर या मर्जी के खिलाफ किसी के धर्मांतरण कराने को अपराध घोषित करता है. इसके लिए अलग-अलग परिस्थितियों में 3 साल से लेकर 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. अगर धर्म परिवर्तन किसी नाबालिग का या अनुसूचित जाति-जनजाति के सदस्य का करवाया जाता है, तो 10 साल तक की सजा हो सकती है.
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यूपी से पहले इन राज्यों में बने है कानून
यूपी पहला राज्य नहीं है जो इस तरह का कानून बना रहा है. इससे पहले 8 राज्यों में इस तरह के कानून हैं. ओडिशा, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और झारखंड. इन राज्यों में लागू कानून में धर्म परिवर्तन से पहले कलक्टर को सूचना देने, स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन से जुड़ा हलफनामा देने जैसे प्रावधान हैं. धोखा देकर या प्रलोभन या धमकी के जरिए कराए गए धर्म परिवर्तन को भी कानूनन अपराध मानकर दंड का प्रावधान किया गया है. ओडिशा और मध्य प्रदेश में तो 1967 में ही यह कानून बन गया था.
Source : News Nation Bureau