उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस गैंगरेप (Hathras Gangrape Case) मामले में बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौड़ लगातार जारी है. पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बाद अब आरोपियों के वकील एपी सिंह ने पीड़ित परिवार पर बड़ा आरोप लगाया हैं. उन्होंने कहा कि हाथरस पीड़िता को उसके ही भाई ने मारा है और इस मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है.
एपी सिंह के बयान के मुताबिक, हाथरस का मामला गैंगेरप का नहीं बल्कि हॉनर किलिंग (Honor Killing) का है. वहीं एक मीडिया चैनल से बात करते हुए वकील एपी सिंह ने ये भी बताया कि उन्होंने आरोपियों के परिवार वालों से बात की हैं और मेडिकल जांच रिपोर्ट में भी रेप की पुष्टि नहीं हुई है.
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बता दें कि अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज की ओर से निर्भया के दोषियों का केस लड़ने वाले एपी सिंह को हाथरस मामले के दोषियों का वकील नियुक्त किया गया है. वहीं निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा दिलाने वाली अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा ने हाथरस केस की पीड़िता का केस लड़ने की बात कही है.
जानकारी के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे राजा मानवेंद्र सिंह की तरफ से एपी सिंह को हाथरस के आरोपियों का केस लड़ने के लिए कहा गया है. मानवेंद्र सिंह ने जारी किए गए पत्र में कहा है कि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा पैसे इकट्ठा कर वकील एपी सिंह की फीस भरेगी.
अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज की ओर से लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग करके सवर्ण समाज को बदनाम किया जा रहा है, जिससे खासतौर से राजपूत समाज बेहद आहत हुआ है. ऐसे में अब जरूर है कि मामले में सच सामने आए. मुकदमे की पैरवी आरोपी पक्ष की तरफ से एपी सिंह के द्वारा कराने का फैसला किया गया है.
गौरतलब है कि हाथरस के बुलगड़ी गांव में दलित किशोरी के साथ 14 सितंबर को कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों ने गैंगरेप किया था. युवती की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी. मौत के बाद परिजनों की रजामंदी के बिना लड़की का अंतिम संस्कार पुलिस ने जबरन रात में करा दिया था, जिसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने भी सीएम योगी से फोन पर बात कर मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
हाथरस कांड में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर गया है. मामले में कई बड़े पुलिस अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है. सरकार ने 2 अक्टूबर को हाथरस के पुलिस अधीक्षक (एसपी), पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी), स्टेशन इंस्पेक्टर और कुछ अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया था.