हाथरस मामले की जांच कर रही सीबीआई के हाथ एक अहम सबूत लगा है, जिसके बाद पुलिस की जांच पर सवाल उठने लगे है. इस मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों में से एक आरोपी नाबालिग निकला है. दरअसल, आरोपियों के घर जांच करने गई सीबीआई के हाथ एक आरोपी की हाईस्कूल की मार्कशीट लगी, जिसमें वो नाबालिग है. इसके बाद आरोपी नाबालिग के माता-पिता ने न्यूज नेशन से बातचीत में कई अहम सवाल उठाएं हैं. इसके साथ ही यूपी की योगी सरकार से मुआवजा भी मांगा है.
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नाबालिग आरोपी के माता-पिता के मुताबिक, स्थानीय पुलिस पूछताछ के नाम पर मेरे बेटे को लेकर गई थी, उस वक्त पुलिस वालों ने उसकी उम्र तक नहीं पूछी थी. हमें लगा पूछताछ के बाद वापस लौट आएगा, लेकिन फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं हमारे खेतों में बाजरे की फसल की कटाई होनी थी, मेरा बेटा नहीं होने की वजह से हमारी फसल सूख गई, डेढ़ लाख का नुकसान हुआ है. सरकार को इस धनराशि की भरपाई करनी चाहिए. इसके साथ ही हम मुआवजे की मांग करते हैं.
एसआईटी ने भी नहीं पूछी बेटे की उम्र-
नाबालिग आरोपी के पिता ने आगे ये भी कहा कि स्थानीय पुलिस के साथ-साथ एसआईटी वालों ने भी हमारे बेटे की उम्र नहीं पहुंची. हमारा बेटा तो 2 दिसंबर को 18 साल का होने वाला है जबकि यह घटना 14 सितंबर की है. अब हमारे बेटे को जेल से बाहर रिहा करना चाहिए. सिर्फ सीबीआई ने हमारे बेटे से जुड़े दस्तावेज मांगे और अपने साथ ले गए. यानी अचूक लोकल पुलिस के साथ-साथ एसआईटी की जांच में भी हुई.
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वहीं दूसरी तरफ सीबीआई ने शनिवार को पांच घंटे तक 19 वर्षीय दलीत पीड़िता के परिजनों के बयान को दर्ज किया. सीबीआई इससे पहले भी कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चल रही जांच के सिलसिले में पीड़िता के परिवार के सदस्यों से पूछताछ कर चुकी है. सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, एजेंसी के सदस्यों ने शनिवार दोपहर को बुलगड़ी गांव में पीड़ित के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की.
बता दें कि हाथरस जिले के एक गांव में गत 14 सितंबर को 19 वर्षीय एक दलित युवती से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था. इलाज के लिए पीड़िता को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था,जहां उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद रातोंरात उसके शव का दाह-संस्कार कर दिया गया. परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन ने उनकी सहमति के बगैर देर रात पीड़िता के शव का जबरन दाह-संस्कार कर दिया.
Source : News Nation Bureau