जहां एक तरफ हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा देश लड़ाई लड़ रहा है. वही दूसरी तरफ आरोपियों के पक्ष में सवर्ण समाज आ गया है. शुक्रवार को गैंगरेप पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद सवर्ण समाज के लोग आरोपी परिवार को न्याय दिलाने के लिए धरने पर बैठ गए. उन लोगों ने मांग की हैं कि इस मामले में सीबीआई जांच हो. धरने पर बैठे लोगों का ये भी कहना है कि एसआईटी जांच निष्पक्ष रूप से हो और यदि हमारे बच्चे दोषी हैं तो उन्हें सजा जरूर दी जाए.
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सवर्ण समाज के लोगों की हुई पंचायत में ये भी कहा गया कि इस मामले कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने स्वार्थ के लिए तूल दे रही है. सच्चाई उजागर होनी चाहिए. पंचायत में ये भी कहा गया कि लड़की की मां और भाई से पूछताछ की जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी. जैसा उन्होंने आरोप लगाया है बच्चों पर, वह पानी पिला रहे थे और उल्टा ही उन पर आरोप लगा रहे हैं. पुलिस मामले में जांच सही नहीं कर रही है. इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को चंदपा क्षेत्र में चार लोगों ने एक अनुसूचित जाति की युवती का गैंगरेप किया और फिर गला दबाकर उसे मारने की कोशिश भी की, जिससे पीड़िता की जीभ कट गई. पीड़िता का इलाज बीते रविवार तक अलीगढ़ में चला लेकिन सोमवार (28 सितंबर) को उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया, जहां पीड़िता ने मंगलवार को अंतिम सांस ली.
इसके बाद उसके शव का पोस्टमार्टम किया गया और शाम को शव हाथरस के लिए रवाना कर दिया गया. यहां लाकर पुलिस ने बुधवार तड़के करीब 2:45 बजे पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया. जिसके बाद मामला बढ़ता जा रहा है और विपक्षी दल पुलिस के कृत्य पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
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वहीं हाथरस मामले में सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की जा रही है. पहली बार सरकार आरोपियों के साथ ही पुलिस और पीड़ित पक्ष का भी पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट कराएगी. सरकार की ओर से प्रेसनोट के माध्यम से इसकी जानकारी दे दी गई है. मामले की जांच कर रही एसआईटी ने सरकार से इसकी सिफारिश की थी. इससे पहले सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हाथरस के पुलिस अधीक्षक, एक डीएसपी और संबंधित थाना प्रभारी को भी सस्पेंड कर दिया गया.
गौरतलब है कि हाथरस गैंगरेप मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad HC) की लखनऊ पीठ ने हाथरस गैंगरेप कांड को गंभीरता से लेते हुए स्वत:संज्ञान लिया है. कोर्ट ने गुरुवार को घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए यूपी सरकार, शासन के शीर्ष अधिकारियों और हाथरस के डीएम व एसपी को नोटिस जारी किया है. न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने इस दर्दनाक घटना पर स्वत:संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है.कोर्ट ने पीड़िता के साथ हाथरस पुलिस के बर्बर, क्रूर और अमानवीय व्यवहार पर राज्य सरकार से भी प्रतिक्रिया मांगी है. पीठ इस मामले की सुनवाई 12 अक्टूबर को करेगी.
Source : News Nation Bureau