उत्तर प्रदेश के हाथरस का मामला दिनों-दिन बढ़ता ही जारहा है. एक तरफ जहां सीबीआई इस मामले की जांच कर रहीं है. वहीं दूसरी तरफ पीड़िता के भाई ने कहा है कि वो अब गांव में नहीं रहना चाहते है. पीड़िता के भाई ने बयान देते हुए कहा है कि वो चाहते है उनका केस दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाए क्योंकि गांव में रोजगार जैसी समस्या पैदा हो रही है. पीड़िता का भाई परिवार के साथ दिल्ली रहना चाहता है, जिससे रोजगार के साथ ही वो केस की पैरवी कर सकते हैं.
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पीड़िता के भाई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता सीमा कुशवाहा ने मांग की कि जांच पूरी होने के बाद ट्रायल दिल्ली में हो, सीबीआई अपनी जांच की रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट को दें. वहीं, सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार सीबीआई जांच कर रही है और वो पूरा सहयोग भी कर रही है. इसके साथ ही परिवार को सुरक्षा दी गई है लेकिन जो लोग पीड़िता के परिवार का नाम, पहचान सार्वजनिक कर रहे हैं वो सजा के भागीदार हैं.
बता दें कि हाथरस में युवती के साथ कथित गैंगरेप के दौरान मारपीट और उसकी मौत के कारणों की जांच कर रही प्रदेश सरकार की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने अपनी पड़ताल पूरी कर ली है. अब यह टीम प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। माना जा रहा है कि जल्द टीम अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है, हालांकि एसआईटी की टीम अभी भी हाथरस में है.
सूत्रों की मानें तो एसआईटी का समय एक बार और बढ़ाया जा सकता है. जानकारी के अनुसार, एसआईटी को 30 सितंबर को हाथरस कांड में पुलिस की भूमिका की जांच के लिए भेजा गया था. उसे सात दिनों में अपनी जांच पूरी करने को कहा गया था.
लेकिन जांच के दौरान नए नए तथ्य सामने आने के बाद एसआईटी का समय 10 दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया। सूत्रों का कहना है कि एसआईटी ने अपनी जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा है. फिलहाल एसआईटी की टीम हाथरस में ही है। इस बाबत गृह विभाग के अधिकारी भी अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं.
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गौरतलब है कि हाथरस के बुलगड़ी गांव में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ कथित रूप से गैंगरेुप किया गया था. इस दौरान मारपीट में गंभीर रूप से घायल दलित युवती ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था. उसके बाद जिस तरह हाथरस में आनन-फानन में युवती का अंतिम संस्कार किया गया, उसपर काफी विवाद हुआ था.
इसके बाद योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तत्काल तीन सदस्यीय एसआइटी का गठन किया गया. एसआईटी की शुरूआती जांच के आधार पर ही हाथरस के एसपी विक्रांतवीर तथा सीओ को सस्पेंड किया गया था.