जलाभिषेक का विवाद
आपको बता दें कि मीरा राठौर का कहना है कि वह 29 जुलाई को सावन के दूसरे सोमवार को सोरों से तेजोमहालय में जलाभिषेक के लिए कांवड़ लेकर आई थीं. पुलिस ने उन्हें बैरियर पर रोक कर राजेश्वर मंदिर में कांवड़ चढ़वा दी थी. उनके पास बचा हुआ गंगाजल सोमवार को तेजोमहालय पर चढ़ाया और भगवा ध्वज भी फहराया. इसी दौरान सीआईएसएफ ने उन्हें पकड़ लिया.
यह भी पढ़ें : विधानसभा चुनाव से पहले BJP ने की भविष्यवाणी, सियासी गलियारों में हलचल
मानसिक रोगी करार देने का आरोप
वहीं मीरा राठौर ने आरोप लगाया कि सीआईएसएफ ने जबरदस्ती गंगाजल चढ़ाने से रोका और उनका वीडियो बनाया. उनके पति और बेटे से कोरे कागज पर अंगूठा लगवा कर बाद में माफीनामा लिखकर उन्हें मानसिक रोगी करार दिया गया. यह माफीनामा इंटरनेट मीडिया में वायरल कर दिया गया, जिससे उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई.
बिना जांच के मानसिक हालत खराब मानना
बता दें कि मीरा राठौर ने सवाल उठाया कि बिना जांच के उन्हें मानसिक रोगी कैसे माना जा सकता है. उनका मेडिकल जांच क्यों नहीं कराया गया? उन्होंने यह भी कहा कि अगर तेजोमहालय के अंदर कोई गंभीर अपराध करेगा और उसके स्वजन उसे मानसिक रोगी बता देंगे, तो क्या उसे बिना जांच के छोड़ दिया जाएगा? उन्होंने बताया कि तेजोमहालय के अंदर भगवा उन्होंने पूर्ण होशोहवास में फहराया और माफीनामा पर उनके अंगूठे या हस्ताक्षर नहीं करवाए गए.
माफी की मांग और न्याय की अपील
साथ ही मीरा राठौर ने कहा कि एएसआई को उनकी मानसिक स्थिति को लेकर किए गए आरोपों के लिए लिखित माफी मांगनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता, तो वह न्यायालय का सहारा लेंगी। महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट, कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष शंकर श्रीवास्तव, प्रदेश संयोजक गोपाल सिंह चाहर, मीना दिवाकर, सौरभ शर्मा और विपिन राठौर सहित अन्य कई कार्यकर्ता भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए.
हिंदू महासभा की चेतावनी
इसके साथ ही आपको बता दें कि मीरा राठौर ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो अगले सोमवार को हिन्दू महासभा के कार्यकर्ता उनके साथ तेजोमहालय में जलाभिषेक करेंगे. महासभा का यह प्रदर्शन एएसआई के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज करने का एक प्रयास था.