यूपी के अयोध्या में बिजली विभाग के बकायेदारों की सूची सबसे ऊपर है. पावर कारपोरेशन नगर निगम के पांच करोड़ रुपये को वसूल नहीं पाया है. बकायेदारी काफी बड़ी सूची सामने आई है. इतनी बड़ी धनराशि को वसूलने को लेकर नगर निगम अब शासन की ओर देख रहा है. मगर शासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है. यह बकाया संपत्ति कर से जुड़ा मामला है. जब थोड़े से बकाय पैसे पर पावर कॉरपोरेशन कनेक्शन काट देता है. वहीं हजार रुपये की बकायेदारी में लोगों का बिजली कनेक्शन हटाने वाला कॉरपोरेशन नगर निगम के बकायेदारों की लिस्ट सबसे टॉप पर है.
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नगर निगम के एक दो नहीं बल्कि पांच करोड़ रुपये पावर कारपोरेशन नहीं वसूल पा रहा है. नगर निगम का गठन को सात साल पूरे हो चुके हैं. इस दौरान कई बार निगम अधिकारियों ने पत्र के जरिए माध्यम से एवं व्यक्तिगत रूप से पावर कारपोरेशन के उच्चाधिकारियों से भुगतान का आग्रह किया है. मगर अभी तक वसूली नहीं हो पाई है. बकायेदारी की इतनी बड़ी धनराशि को लेकर को वसूलने में नाकाम नगर निगम अब शासन की ओर देख रहा है. मगर शासन के स्तर पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यह बकाया संपत्ति कर से संबंधित है.
साकेत महाविद्यालय भी नगर निगम के बड़े बकायेदारों में शामिल
पावर कारपोरेशन के साथ साकेत महाविद्यालय भी नगर निगम के बड़े बकायेदारों में गिना जाता है. बताया जा रहा है कि साकेत महाविद्यालय पर 50 लाख रुपये से ज्यादा की बकायेदारी है. टैक्स का बकाया न मिलने से नगर निगम का कोष मजबूत नहीं हो पा रहा है. जनता से जुड़े छोटे-छोटे विकास कार्यों के लिए भी शासन के सामने निगम को हाथ फैलाना पड़ रहा है.
करीब 18 लाख रुपये का बकायेदारी
निबंधन विभाग के भी करीब 18 लाख रुपये के बकायेदार हैं. नगर निगम के एक अधिकारी के अनुसार, छूट के बाद भी यह संस्थाए बकाया धनराशि का भुगतान नहीं कर रही हैं. अगर ये संस्थाएं अपना कर जमा कर दें तो नगर निगम का कोष मजबूत होगा.