उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह इन दिनों सुर्खियों में हैं. प्रियंका गांधी को बूढ़ी कहने से सुर्खियों में आए दिनेश प्रताप सिंह ने फिर प्रियंका गांधी को लेकर बयान दे दिया है. उन्होंने प्रियंका गांधी के वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ने पर पूरे गांधी परिवार को पलायनवादी कर दिया है. उन्होंने गांधी परिवार को खुली चुनौती भी दे दी है.
दिनेश सिंह ने एक पत्र के माध्यम से गांधी परिवार को चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि मैं गांधी परिवार के सभी लोगों को रायबरेली आमंत्रित करता हूं. उनका जब मन हो, पंजे के निशान पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उतरें और दिनेश प्रताप सिंह ने चुनाव लड़ लें. अगर उन्हें तीन लाख वोट भी मिल गए तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा.
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने किया था विरोध
इससे पहले बुधवार को प्रियंका गांधी को उन्होंने बूढ़ी कह दिया था, जिससे एनएसयूआई कार्यकर्ता भड़क गए थे. उन्होंने मंत्री के लखनऊ स्थित आधिकारिक आवास के नेमप्लेट को काला कर दिया था. शुक्रवार को उन्होने मंत्री के आधिकारिक आवास पर आंदोलन भी शुरू कर दिया था. पुलिस को इस वजह से हस्तक्षेप करना पड़ा.
हंगामे के एक दिन बाद, गुरुवार को दिनेश प्रताप सिंह ने एक और पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कार और संस्कृति से युक्त हर नारी मेरे लिए मां भगवती के समान है. लेकिन, प्रियंका गांधी की जीवन-शैली, उनका आचरण, उनका खान-पास कहीं से भी भारतीय संस्कृति के रूप में नहीं लगता है.
प्रियंका वायनाड में क्यों लड़ रही चुनाव?
शुक्रवार को लिखे पत्र में मंत्री ने कहा कि रायबरेली सिर्फ हार के डर से ही रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ रही हैं. वायनाड से चुनाव लड़ने जा रही हैं. वे क्यों वायनाड जा रही हैं, यह बात शीशे की तरह साफ है. गांधी परिवार पलायनवाजी है. सोनिया गांधी को जब लगा कि वह रायबरेली से हारेंगी तो वे राजस्थान चलीं गईं. राहुल गांधी भी अमेठी छोड़कर वायनाड पहुंच गए. प्रियंका गांधी भी अब अमेठी-रायबरेली छोड़कर वायनाड जा रही हैं. रायबरेली से हारकर इंदिरा गांधी भी मेढ़क चली गईं थीं.
कौन हैं दिनेश सिंह?
दिनेश सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. भाजपा ने 2019 और 2024 में उन्हें रायबरेली से लोकसभा उम्मीदवार बनाया था. दोनों बार दिनेश सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा था.