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अब महाकुंभ 2025 में एंट्री के लिए दिखाना होगा ID Card! जानें क्या है मामला

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान नेम प्लेट लगाने को लेकर विवाद अभी थमा भी नहीं था कि एक नई मांग उठ खड़ी हुई है. महाकुंभ 2025 के संदर्भ में इस मांग को अहम माना जा रहा है.

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Ritu Sharma
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Prayagraj MahaKumbh 2025

नेम प्लेट विवाद( Photo Credit : News Nation )

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Prayagraj Mahakumbh 2025: कांवड़ यात्रा के रास्तों पर नेम प्लेट अनिवार्य किए जाने के विवाद के बाद अब प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ में भी पहचान पत्र अनिवार्यता की मांग उठ रही है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़े के संरक्षक स्वामी हरि गिरि जी महाराज ने यह मांग की है कि महाकुंभ मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को पहचान पत्र साथ लाने के लिए बाध्य किया जाए. बता दें कि स्वामी हरि गिरि ने कहा कि सरकार को यह आदेश जारी करना चाहिए कि 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ मेले में आने वाले हर व्यक्ति को अपना पहचान पत्र साथ लाना अनिवार्य हो. उनके अनुसार, सिर्फ पहचान पत्र ही नहीं, बल्कि उसकी प्रमाणित कॉपी भी लानी होगी. कई बार लोग फर्जी पहचान पत्र बनवा लेते हैं, इसलिए आधार कार्ड, वोटर कार्ड या अन्य पहचान पत्र की कॉपी को गैजेटेड ऑफिसर, पार्षद, ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव आदि से प्रमाणित कराकर लाना होगा.

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वेरीफिकेशन और रजिस्ट्रेशन की मांग

वहीं स्वामी हरि गिरि के अनुसार मेला प्रशासन या संत महात्मा या तीर्थ पुरोहित जहां श्रद्धालु जाएंगे, उन्हें सूची के साथ पहले से प्रमाणित पहचान पत्र की प्रति भी भेजनी होगी, ताकि आवश्यकता पड़ने पर सत्यापन किया जा सके. इसके साथ ही, उन्होंने योगी सरकार और महाकुंभ प्रशासन से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की भी व्यवस्था करने की मांग की है. इस बार के महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है और इसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की आवश्यकता है.

हिंसा की आशंका और सुरक्षा प्रबंध

आपको बता दें कि महंत हरि गिरि ने कहा कि इस बार का महाकुंभ चुनौतियों से भरा हुआ है. देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं में से कई लोग सनातन धर्म को लेकर हिंसक हो सकते हैं. ऐसे में महाकुंभ में कोई गड़बड़ी न हो और हिंसा की घटनाएं न हों, इसके लिए वेरीफाइड आईडी अनिवार्य की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जूना अखाड़े ने अपने यहां आने वाले सभी महामंडलेश्वरों, संत-महात्माओं को यह निर्देश दे दिया है कि उनके यहां जो भी श्रद्धालु आएं, उनके नाम की सूची और पहचान पत्र पहले ही मंगा लिए जाएं.

अन्य अखाड़ों के साथ संवाद

आपको बता दें कि स्वामी हरि गिरि ने बताया कि निरंजनी समेत अन्य अखाड़ों से भी इस बारे में बातचीत की जा रही है. आईडी की अनिवार्यता इसलिए जरूरी है ताकि अगर कोई घटना होती है, तो गलत करने वालों की पहचान हो सके. महाकुंभ में एक ही नाम के हजारों लोग आएंगे और सिर्फ नाम से जानकारी प्राप्त करना कठिन होगा. पहचान पत्र साथ होने से व्यक्ति का पूरा पता और पिता का नाम भी मिल जाएगा, जिससे अन्य लोगों को असुविधा नहीं होगी.

कर्मचारी और श्रद्धालुओं के लिए भी आईडी अनिवार्यता

इसके साथ ही आपको बता दें कि महंत हरि गिरि ने कहा कि आईडी की व्यवस्था महाकुंभ में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों, संत महात्माओं, कल्पवासियों और आम श्रद्धालुओं के लिए भी होनी चाहिए. उनके अनुसार, सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम पर भी दर्जनों लोगों ने फर्जी आईडी बनवा रखी है, जिससे आईडी वेरीफिकेशन की अनिवार्यता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है.

HIGHLIGHTS

  • अब महाकुंभ 2025 में एंट्री के लिए दिखाना होगा ID Card! 
  • अखाड़ा परिषद ने किया ये मांग 
  • नेम प्लेट विवाद के बीच नई मांग

Source : News Nation Bureau

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