नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मुरादाबाद के जिला मजिस्ट्रेट को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के बाढ़ क्षेत्र को अतिक्रमण से बचाने की याचिका के संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. हाल के एक आदेश के अनुसार, इस मामले पर अंतिम बार 25 जुलाई को विचार किया गया था और यह पाया गया कि गंगा/राम गंगा नदी के बाढ़ क्षेत्र में चार निजी पार्टियों द्वारा अवैध निर्माण किया गया था. चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाले ट्रिब्यूनल ने कहा कि 25 जुलाई के आदेश के मुताबिक, गंगा कमेटी को अवैध निर्माण हटाना था, जो नहीं किया गया.
केवल की गई कार्रवाई यूपी विकास अधिनियम के तहत है, जो ट्रिब्यूनल द्वारा निर्देशित कार्रवाई से अलग है. इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि कोई भी व्यक्ति गंगा नदी या उसकी सहायक नदियों के तटों के सक्रिय बाढ़ के मैदानी क्षेत्र में आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक या किसी अन्य उद्देश्य के लिए स्थायी या अस्थायी किसी भी संरचना का निर्माण नहीं करेगा. इसके अलावा पिछले आदेश का जिक्र करते हुए एनजीटी ने कहा कि जिलाधिकारी जिला गंगा संरक्षण समिति के पदेन अध्यक्ष होते हैं.
साथ ही, राज्यों में गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों से सटे हर निर्दिष्ट जिले में जिला गंगा संरक्षण समिति के गठन पर भी प्रकाश डाला गया और हर तीन महीने में उनकी बैठक का निर्देश दिया. आदेश में कहा गया, उपरोक्त के मद्देनजर जिलाधिकारी कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई कर रिपोर्ट दाखिल करें.
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Source : IANS