उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है. इस मामले में अब तक केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अब पुलिस ने आशीष के दोस्त सुमित जायसवाल की तहरीर पर भी दर्ज मुकदमे में पूछताछ शुरू कर दी है. लखीमपुर पुलिस ने 12 लोगों को नोटिस भेजा था. जबकि सोमवार को पांच किसानों ने अपना बयान दर्ज कराया था. इस मामले में मंगलवार को पुलिस ने हिंसा से जुड़ी छह तस्वीरें जारी की हैं. इस तस्वीरों के माध्यम से लाठी डंडे लेकर पिटाई करते लोगों के बारे में जानकारी मांगी गई है. कहा जा रहा है कि थार जीप से हुए हादसे के बाद की यह तस्वीरें हैं.
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तस्वीरों में देखा जा सकता है कि कुछ लोग लाठी डंडे से जमीन पर गिरे लोगों को पीट रहे हैं. माना जा रहा है कि हादसे के बाद गाड़ी से भागते बीजेपी समर्थकों को पीटा जा रहा है. आपको बता दें कि जांच कर रही पुलिस ने तस्वीरों को जारी करने के साथ ही इनकी पहचान बताने वालों को इनाम देने की घोषणा की है. कहा गया है कि पहचान बताने वालों को यूपी पुलिस इनाम देगी.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में SIT ने घटना में शामिल कुछ संदिग्ध लोगों की तस्वीरें जारी की हैं। SIT ने लोगों से इन संदिग्धों के बारे में सूचना देने की भी अपील की है। सूचना देने वाले लोगों को उचित पुरस्कार दिया जाएगा: उत्तर प्रदेश पुलिस pic.twitter.com/5L9e5CL2RX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 19, 2021
इस मामले में सोमवार को खीरी पुलिस और स्वाट टीम ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार लोगों में भाजपा सभासद सुमित जायसवाल भी हैं . हिंसा के जो वीडियो वायरल हुए थे, उनमें थार जीप से निकलकर भागते हुए सुमित जायसवाल भी थे. इसके अलावा शिशुपाल, सत्य प्रकाश त्रिपाठी उर्फ सत्यम और लखनऊ के नंदन सिंह को पुलिस ने पकड़ा है. पुलिस ने सत्यप्रकाश त्रिपाठी के पास से एक लाइसेंसी रिवॉल्वर और तीन गोलियां भी बरामद की हैं. मामले में अब तक दस लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
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लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. आपको बता दें कि इस घटना में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ मामले पर सुनवाई करेगी.
तीनों न्यायमूर्तियों की खंड पीठ ने लखीमपुर में आठ लोगों की बर्बर हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर आठ अक्टूबर को नाराजगी जताया था. इस मामले में दो वकीलों ने सीजेआई को एक पत्र लिखकर घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की थी. इसके बाद ही सर्वोच्च न्यायालय ने मामले पर सुनवाई शुरू की.