गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हुए बवाल को लेकर यूपी पुलिस पूरी तरह एक्टिव हो गई है. एक तरफ दिल्ली में एफआईआर में दर्ज किए किसान नेताओं के खिलाफ छापेमारी हो रही है तो इधर यूपी पुलिस प्रदर्शन से लौट रहे किसानों पर पैनी नजर रख रही है. दिल्ली में तोड़फोड़ और बवाल करने वाले किसानों की पहचान की जा रही है.
मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार के मुताबिक दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर जो तांडव हुआ, उसे देखते हुए जिले में अलर्ट है. हम लोग ऐसे लोगों की पहचान कर रहे हैं जो किसान आंदोलन में शामिल हुए थे और वहां उपद्रव किया था. यूपी के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि यूपी पुलिस ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि हम उनकी हर तरह से मदद करेंगे. 26 जनवरी को दिल्ली में आंदोलन के नाम पर हिंसा में शामिल लोगों की पहचान करके उन्हें पकड़कर दिल्ली पुलिस के हवाले किया जाएगा.
एक्शन में योगी सरकार
गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिए कि प्रदेश में जहां भी किसान धरने पर बैठे हैं उन्हें खत्म कराया जाए. पुलिस ने बड़ौत के नेशनल हाइवे पर लगे किसानों के कैंपों को हटा दिया है. किसानों और कैंपों के हटने के बाद यहां पर ट्रैफिक साफ हो गया है. दूसरी तरफ मथुरा में किसानों के आंदोलन को भी खत्म करा दिया गया है.
इन संवेदनशील जिलों पर पैनी नजर
मुजफ्फरनगर, बागपत, शामली, बरेली, शाहजहांपुर, अमरोहा, बिजनौर और पीलीभीत के क्षेत्र बरेली, पीलीभीत वगैरह इलाकों के किसान दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे धरना-प्रदर्शन का हिस्सा बने थे. यूपी पुलिस इन जिलों को संवेदनशील मानकर चल रही है. यहां से अधिकांश किसान दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे और आंदोलन में शामिल हुए थे.
Source : News Nation Bureau