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राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर जमकर साधा निशाना, उठाया किसानों का मुद्दा

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार किया गया, जिसमें यूनियन ने सरकार को 'स्टेपनी' पर टिकी बताया. उन्होंने सरकार की स्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह ढाई साल से ज्यादा नहीं चलेगी.

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Ritu Sharma
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राकेश टिकैत( Photo Credit : News Nation )

UP News: एक बार फिर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है. दरअसल भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) का तीन दिवसीय चिंतन शिविर मंगलवार को संपन्न हुआ. इस शिविर में केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए यूनियन ने कहा कि वर्तमान सरकार 'स्टेपनी' पर टिकी हुई है और यह सरकार ढाई साल से ज्यादा नहीं चल पाएगी. यूनियन ने उम्मीद जताई कि नई सरकार किसानों, गांवों, गरीबों, और आदिवासियों के हित में कार्य करेगी. बता दें कि चिंतन शिविर में केंद्र सरकार की स्थिरता पर सवाल उठाते हुए यूनियन ने कहा कि सरकार फिलहाल अपने दांव-पेंच में फंसी हुई है. यूनियन के अनुसार, जब तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे, सरकार ढाई साल तक तो चलेगी, लेकिन इसके बाद सरकार के बिना स्टेपनी के पंचर होने का खतरा है. यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार ढाई साल तक चलेगी पर इसके बाद कुछ भी निश्चित नहीं है.

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100 दिन का एजेंडा

वहीं चिंतन शिविर में यूनियन ने अगले 100 दिनों का एजेंडा तय किया है. इसमें संगठन को मजबूत बनाने और किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ संघर्ष जारी रखने पर विशेष जोर दिया गया है. यूनियन ने आरोप लगाया कि भारत सरकार किसानों और सिखों को बदनाम करने की साजिश रच रही है. टिकैत ने कहा कि रोज नए-नए किसान संगठन बन रहे हैं, जो सरकार की एक सोची-समझी साजिश है ताकि किसान आंदोलन को कमजोर किया जा सके.

राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया

इसके अलावा आपको बता दें कि राकेश टिकैत ने कहा कि मोदी सरकार की योजनाओं और कार्यशैली पर वे लंबे समय से सवाल उठाते आ रहे हैं. टिकैत ने कहा कि वह हमेशा से मोदी सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं और उनकी नीतियों का खुलकर विरोध करते रहे हैं. नई सरकार बनने के बाद यह भारतीय किसान यूनियन का पहला चिंतन शिविर था, जिसमें आगे की रणनीति पर मंथन किया गया.

सरकार से अपेक्षाएं और चुनौतियां

इसके साथ ही आपको बता दें कि चिंतन शिविर में यह भी चर्चा हुई कि नई सरकार से उम्मीदें बंधी हुई हैं कि वह किसानों, गरीबों, और आदिवासियों के हित में कार्य करेगी. हालांकि, टिकैत ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को अभी बहुत कुछ सीखना और समझना बाकी है. उन्होंने कहा कि सरकार को ज्ञान प्राप्त हो गया है कि किसानों और गरीबों का काम क्या होता है और उन्हें इस दिशा में सार्थक कदम उठाने होंगे.

साथ ही चिंतन शिविर में यह भी तय किया गया कि संगठन को कैसे मजबूत किया जाए और किसान विरोधी कानूनों का कैसे विरोध किया जाए. यूनियन ने कहा कि सरकार की साजिशों के बावजूद, वे अपने संघर्ष को जारी रखेंगे और किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.

HIGHLIGHTS

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  • राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर जमकर साधा निशाना
  • सरकार की स्थिरता पर सवाल
  • उठाया किसानों का मुद्दा

Source : News Nation Bureau

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