यूपी से राज्यसभा की दस सीटों के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है. 25 नवंबर को यह सीटें खाली हो रही हैं. विधानसभा सदस्यों की संख्या के हिसाब से इन दस सीटों में से नौ का परिणाम तो लगभग तय है, लेकिन दसवीं सीट बीजेपी और विपक्षी दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल होगी. इस सीट के लिए बीजेपी के साथ बीएसपी भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारने की तैयारी में है. दोनों के पास जीत के लिए पर्याप्त वोट नहीं हैं, ऐसे में देखेना होगा यह सीट किसके हक में जाएगी. दरअसल, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रो. रामगोपाल यादव के नामांकन के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने भी उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए सियासी गुणा-भाग शुरू कर दिया है.
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पार्टियों की स्थिति और राज्यसभा में वोट
राज्यसभा चुनाव में एक विधायक एक वोट होता है. मौजूदा समय में विधानसभा में सदस्यों की संख्या 396 है.
बीजेपी 304
एसपी 48
बीएसपी 18
अपना दल 9
कांग्रेस 7
सुभाएसपी 4
निर्दलीय 3
रालोद 1
निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल 1
एक नामित निर्वाचित सदस्य है
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बता दें कि नामित निर्वाचित सदस्य को राज्यसभा चुनाव में वोट का अधिकार नहीं होता है. लिहाजा 395 सदस्यों के राज्यसभा चुनाव में वोट करने की उम्मीद है. राज्यसभा चुनावी गणित के हिसाब से 395 सदस्यों के आधार पर एक सीट के लिए 37 विधायकों की जरूरत होगी. वैसे माना जा रहा है कि 8 बीजेपी और एक सीट पर एसपी की जीत तय है. बीजेपी के पास 304 विधायक हैं. यानी 296 विधायकों के साथ बीजेपी के आठ प्रत्याशियों की जीत तय माना जा रहा है. वहीं, दूसरे नंबर पर एसपी के पास 48 विधायक हैं और प्रोफेसर रामगोपाल यादव के रूप में समाजवादी पार्टी की जीत तय माना जा रहा है.
भारतीय जनता पार्टी के 8 राज्यसभा सीट जीतने के बाद 9 विधायक बचते हैं. वहीं, 9 विधायक बीजेपी के सहयोगी अपना दल के पास हैं. जबकि, इन सबके के अलवा कांग्रेस के राकेश सिंह, बीएसपी के अनिल सिंह और एसपी के नितिन अग्रवाल बीजेपी के साथ हैं. लिहाजा इन सब के बाद भी भारतीय जनता पार्टी को 10वीं सीट जीतने के लिए 16 एमएलए की आवश्यकता होगी.
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समझिए सियासी गणित
माना जा रहा है बीजेपी अपना 9वां प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतार सकती है. जबकि बीएसपी भी अपना कैंडिडेट उतार सकती है. वहीं, सपा के पास अपना एक उम्मीदवार जिताने के बाद 10 वोट बचेंगे. बीएसपी के पास अपने 17 सदस्य हैं. कांग्रेस के पास 6, सुभाएसपी के 4 और आरएलडी के पास 1 विधायक हैं. इन सबको मिलाकर कुल 38 विधायक होते हैं. वहीं, अगर विपक्ष चाहे तो बीएसपी एक राज्यसभा सीट को जीत सकती है, लेकिन एक राज्यसभा सीट की राह इतनी भी बीएसपी के लिए आसान नहीं है. क्योंकि बीजेपी भी इन छोटे दलों पर नजर बनाए हुए है.
Source : News Nation Bureau