विकास दुबे के मददगारों पर यूपी STF कसेगी शिकंजा, 3 कारोबारियों से होगी पूछताछ

एमपी पुलिस के साथ-साथ यूपी एसटीएफ भी कुख्यात अपराधी विकास दुबे के मददगारों की तलाश करने में जुट गई है. विकास दुबे कहां कहां गया और किन-किन लोगों से मिला इस दौरान और कौन-कौन से लोग विकास दुबे के संपर्क में थे इसकी हिस्ट्री निकाली जा रही है.

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Ravindra Singh
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Vikas Dubey

विकास दुबे( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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गैंगस्टर विकास दुबे का अंत तो हो गया है...लेकिन अब उसके मददगारों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है. कानपुर सूत्रों से खबर आ रही है कि गैंग्सटर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब विकास के मददगारों पर भी यूपी एसटीएफ शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. यूपी एसटीफ की अब तक की जांच में 3 बड़े कारोबारियों के साथ विकास दुबे के सीधे वित्तीय लेनदेन के पुख्ता सबूत मिले हैं. इसके अलावा कानपुर के नामी गिरामी कंपनी मालिकों से भी विकास दुबे के संबंध थे इस बात का खुलासा यूपी एसटीएफ की टीम कर चुकी है.

एमपी पुलिस के साथ-साथ यूपी एसटीएफ भी कुख्यात अपराधी विकास दुबे के मददगारों की तलाश करने में जुट गई है. विकास दुबे कहां कहां गया और किन-किन लोगों से मिला इस दौरान और कौन-कौन से लोग विकास दुबे के संपर्क में थे इसकी हिस्ट्री निकाली जा रही है. एमपी और यूपी पुलिस विकास दुबे से जुड़े सबूत इकहट्ठा करने में जुटी है. अब देखना ये है कि पुलिस को अपने मिशन में कितनी कामयाबी हासिल होती है और कौन से नए खुलासे होते हैं.

ED करेगी विकास से जुड़े लोगों की संपत्तियों की जांच
कानपुर के बिकरू गांव में पिछले हफ्ते 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी पांच लाख रुपये के इनामी बदमाश विकास दुबे का आतंक खत्म हो चुका है. शुक्रवार को विकास दुबे राज्य पुलिस की एसटीएफ से हुई कथित मुठभेड़ में मारा गया. अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विकास दुबे की संपत्ति की जांच शुरू कर दी है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि ईडी ने यूपी पुलिस से विकास दुबे की संपत्ति को लेकर जानकारी मांगी है. ईडी (ED) विकास से जुड़े लोगों की संपत्ति की भी जांच करेगी.

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विकास दुबे मामले में यूपी सरकार का बड़ा फैसला
कानपुर नगर में घटित घटना के संबंध में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सम्यक विचारोप्रान्त प्रकरण की जांच विशेष अनुसंधान दल से कराने का फैसला किया गया है. अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है .अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रविंद्र गौर अनुसंधान दल में शामिल किए गए हैं. विकास के पाप की लंका रावण की लंका से भी विशाल थी. सूत्रों से मिली जानकारी बताती है कि विकास का धंधा केवल भारत में ही नहीं बल्कि लंदन से लेकर दुबई थाईलैंड तक फैला था. ईडी ने अब विकास के निवेश की जांच भीशुरू कर दी है. जिससे विकास के साथ साथ और भी दफ्न कई राज़ सामने आ सकेंगे.

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ईडी ने मांगी विकास दुबे खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी
ईडी ने विकास दुबे के खिलाफ आपराधिक मामलों की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी मांगी है. बताया जाता है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके परिवार के पास करीब ढाई सौ बीघा जमीन है. उसकी यह जमीन चौबेपुर, बिल्हौर, शिवली, बिठूर में हैं. इसके अलावा कानपुर के कल्याणपुर और काकादेव व लखनऊ में विकास के नाम पर करोड़ों की जमीन, मकान और संपत्तियां हैं. आपको बता दें कि विकास दुबे के एनकाउंटर से पहले ही कानपुर में स्थानीय प्रशासन ने उसके किले जैसे घर को उसी की जेसीबी मशीन से मिट्टी में मिला दिया था, जो पुलिस टीम के घेराव में इस्तेमाल की गई थी. उसकी कारों को जेसीबी के नीचे कुचल दिया गया था. उसका लखनऊ में जो एक मकान है, प्रशासन उस पर भी नजर बनाए हुए है. पुलिस की ओर से भी संपत्ति को लेकर जांच पड़ताल जारी है.

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