Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को जमकर हिंसा हुई. जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई. संभल में उस वक्त हिंसा भड़क गई जब रविवार सुबह करीब पांच बजे डीएम-एसपी के साथ एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव संभल की जामा मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंचे. इस दौरान आसपास के रास्तों की नाकेबंदी कर मस्जिद में सर्वे का काम शुरू हुआ. इसकी भनक लगने पर सैकड़ों की संख्या में लोग वहां पहुंच गए. उसके बाद करीब सात बजे भीड़ ने पथराव कर दिया. उसके बाद पुलिस ने भी हवाई फायरिंग की.
पथराव के दौरान वाहनों में लगाई आग
इस दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लोगों को दौड़ाना शुरू कर दिया. इस भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी. हिंसा को बढ़ता देख आसपास के जिलों से भी फोर्स बुलाना पड़ा. फायरिंग और पथराव में तीन की मौत हो गई है. हालांकि अभी तक तीनों की मौत की आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है. इसके बाद करीब साढ़े 10 बजे सर्वे टीम वापस लौट गई. लेकिन संभल में अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है. घटना के बाद डीआइजी मुनिराज जी भी मौके पर पहुंच गए.
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जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, 19 नवंबर को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट में संभल की जामा मस्जिद के हरि हर मंदिर होने का दावा किया गया. उसके बाद कोर्ट ने मस्जिद में सर्वे का आदेश दिया. कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था. उसी दिन शाम को मस्जिद में वीडियोग्राफी भी कराई गई.
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संभल की शाही जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किए जाने के बाद दूसरे चरण का सर्वे रविवार की सुबह शुरू होना था. लेकिन जैसे ही लोगों को पता चला तो सैकड़ों लोग मस्जिद के पास पहुंच गए. पुलिस ने सुबह करीब 9:00 बजे भीड़ को हटाने की कोशिश की. इस दौरान पहले धक्का मुक्की हुई और बाद में भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया.
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