UP: मेडिकल कॉलेज में छात्रों को हिंग्लिश में दी जाएगी शिक्षा

उत्तर प्रदेश के मेरठ में लाला लाजपत राय मेमोरियल (एलएलआरएम) मेडिकल कॉलेज के फैकल्टी सदस्यों ने हिंदी और अंग्रेजी के मिश्रण हिंग्लिश में एमबीबीएस छात्रों के नए बैच की कक्षाओं और ओरिएंटेशन में व्याख्यान देना शुरू कर दिया है. व्याख्यान में अंग्रेजी चिकित्सा शब्दावली का उपयोग किया जाता है लेकिन निर्देश हिंदी में हैं. आर.सी. एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल गुप्ता ने कहा, हमने पहले ही एमबीबीएस छात्रों को द्विभाषी माध्यम से पढ़ाना शुरू कर दिया है, जो हमारे राज्य में पहली बार है. राज्य सरकार ने एक महीने पहले इसके लिए अपनी मंजूरी दे दी थी.

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : Twitter )

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उत्तर प्रदेश के मेरठ में लाला लाजपत राय मेमोरियल (एलएलआरएम) मेडिकल कॉलेज के फैकल्टी सदस्यों ने हिंदी और अंग्रेजी के मिश्रण हिंग्लिश में एमबीबीएस छात्रों के नए बैच की कक्षाओं और ओरिएंटेशन में व्याख्यान देना शुरू कर दिया है. व्याख्यान में अंग्रेजी चिकित्सा शब्दावली का उपयोग किया जाता है लेकिन निर्देश हिंदी में हैं. आर.सी. एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल गुप्ता ने कहा, हमने पहले ही एमबीबीएस छात्रों को द्विभाषी माध्यम से पढ़ाना शुरू कर दिया है, जो हमारे राज्य में पहली बार है. राज्य सरकार ने एक महीने पहले इसके लिए अपनी मंजूरी दे दी थी.

एलएलआरएम में एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के प्रमुख पंकज अग्रवाल ने कहा, चूंकि नई शिक्षा नीति में मूल भाषा में शिक्षा पर जोर दिया गया है, इसलिए हमने हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के विभिन्न विषयों के लिए सामग्री तैयार की है. इसे किताबों में संकलित किया जा रहा है. अग्रवाल, जिन्होंने 2017 में मेडिकल कॉन्सेप्ट्स इन हिंदी (एमसीएच) अभियान के साथ प्रक्रिया शुरू की थी, ने कहा, हमने एमबीबीएस पाठ्यक्रम के विभिन्न विषयों के सभी भाग, विभिन्न विषयों की अध्ययन सामग्री तैयार की है. यह एमसीएच में मुफ्त में उपलब्ध है. यहां 300 वीडियो और लगभग 1,000 लेख हैं.

उन्होंने इस बात से इनकार किया कि हिंदी में पढ़ाने से अंग्रेजी का महत्व कम हो जाएगा और कहा, सामग्री की सुंदरता यह है कि चिकित्सा शब्दावली हिंदी में लिखी गई है. उदाहरण के लिए, थायरॉयड ग्रंथि को हिंदी में लिखा गया है लेकिन इसका अनुवाद नहीं किया गया है. हमारा प्रयास पढ़ाने का है. चिकित्सा विज्ञान और चिकित्सा विज्ञान के सभी विषयों की समानांतर सामग्री विकसित करें ताकि हिंदी माध्यम के छात्र इस विषय को अच्छी तरह से समझ सकें और अंग्रेजी बोलने वाले सहपाठियों से पीछे न रहें.

एक अन्य फैकल्टी सदस्य ने कहा, हम अंग्रेजी में व्याख्यान देते थे. अब एमबीबीएस छात्रों के नए बैच के उन्मुखीकरण में हिंग्लिश का उपयोग किया जा रहा है. विषयों को हिंदी में समझाया जाएगा, हालांकि चिकित्सा शब्दावली अंग्रेजी में रहेगी.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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