उत्तर प्रदेश पुलिस ने बदायूं जिले के मूसाझघ इलाके के एक गांव में एक सिंथेटिक दूध निर्माण इकाई का भंडाफोड़ किया है और 100 लीटर से अधिक सिंथेटिक दूध बरामद किया है, जो वाशिंग पाउडर, रिफाइंड तेल और अन्य का उपयोग करके तैयार किया गया है. पुलिस ने कहा कि यूनिट के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) की शिकायत पर आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. अधिकारियों के मुताबिक यूनिट एक घर के अंदर चल रही थी और उसका मालिक आसपास के इलाकों की कई दुकानों में दूध सप्लाई कर रहा था.
इस बीच, खाद्य सुरक्षा टीम ने क्षेत्र की विभिन्न दुकानों से नमूने भी एकत्र किए हैं और उन्हें परीक्षण के लिए लैब में भेजा है.
अपर अधीक्षक (एसपी) (ग्रामीण) ए.के. श्रीवास्तव ने कहा, हमने खाद्य सुरक्षा टीम के साथ छापेमारी की और मूसाझाघ इलाके की एक फैक्ट्री से 100 लीटर से अधिक सिंथेटिक दूध बरामद किया. इस मामले में फैक्ट्री मालिक मंगू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. आगे की जांच जारी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिये गये जानकारी के अनुसार अगर भारत में सही दूध का इस्तेमाल न किया गया तो 87 प्रतिशत लोग केंसर जैसी घातक बिमारियों का शिकार बनेंगे. वही केन्द्र सरकार के साइंस और टेक मंत्रालय के एक डाटा के मुताबिक 89 प्रतिशत दूध में किसी न किसी तरह का मिलावट पाया गया.
कृषि मंत्रालय के अनुसार देश में हर साल 17 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है लेकिन खपत 64 करोड़ लिटर होती है. गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश देश में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाले राज्य है.
Source : IANS