प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब होमी भाभा कैंसर अस्पताल में रेलकर्मियों का मुफ्त इलाज हो सकेगा. इस अस्पताल के बन जाने से वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, गाजीपुर, बलिया, गोरखपुर, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, जौनपुर, इलाहाबाद, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ के साथ ही तटवर्ती प्रदेशों के मरीज भी इसका लाभ ले सकेंगे. पूर्वाचल के लगभग 25 हजार रेलकर्मियों को इसका फायदा होगा.
पूवरेत्तर रेलवे के एडीआरएम वीके श्रीवास्तव और टाटा मेमोरियल डिप्टी डायरेक्टर (ओएसबी) डॉ.नारायण एच.के.वी. के बीच इसको लेकर एमओयू साइन होने के बाद रेलकर्मियों को यह सुविधा मिली है.
रेल के विभिन्न संगठनों ने इस पर खुशी जताई है. सालभर पहले रेलवे के कैंसर अस्पताल का अधिग्रहण टाटा मेमोरियल ने कर लिया था. रेल कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उनको प्राथमिकता देने के साथ ही यहां मुफ्त इलाज भी होगा पर उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया था.
विरोध के बाद कर्मचारियों की मांग को मान लिया गया. अब रेल कर्मचारियों का कैशलेस इलाज यहां होगा.
जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि मरीजों को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है. देश के किसी भी हिस्से में कार्यरत रेल कर्मचारी को मरीज से जुड़ी सभी रिपोर्ट लेकर पूवरेत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के सीएमएस के पास आना होगा. यहां मरीज की हालत पर उसे कैंसर अस्पताल में रेफर किया जाएगा.
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पहले एक लाख का कैशलेस इलाज होगा और बाद में मरीज की हालत और सुधार के आधार पर सीएमएस कैशलेस की सीमा बढ़ा सकते हैं. पांच लाख या उससे ज्यादा तक का मुफ्त इलाज यहां हो सकेगा. रेल कर्मचारी को अपना मेडिकल कार्ड भी साथ लाना आवश्यक होगा. हालांकि, यह सुविधा बेड की उपलब्धता पर आधारित होगा.
Source : IANS