उत्तर प्रदेश सरकार पर जातिवाद का आरोप लगाने वाले आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। IPS हिमांशु कुमार पर IG कार्मिक ने मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट भेजी थी। जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने निलंबन पर कहा कि किसी भी हालात में अनुशासन हीनता बर्दास्त नहीं की जायेगी।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद लखनऊ में पुलिस मुख्यालय में तैनात आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार ने डीजीपी ऑफिस पर जातिवाद का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा था, 'पुलिस पर भारी दबाव है। सभी यादव सरनेम वाले पुलिसकर्मियों की ट्रांसफर/पोस्टिंग को लेकर हड़कंप की स्थिति है। उन्हें डर है या तो सस्पेंड किया जाएगा या फिर लाइन हाजिर कर दिया जाएगा।'
हालांकि ट्वीट पर विवाद के बाद अधिकारी ने ट्वीट डिलीट कर दिया था।
हिमांशु कुमार ने एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए पूछा था 'क्यों डीजीपी ऑफिस जाति के नाम पर अधिकारियों को लोगों पर कार्रवाई करने के लिए दबाव डाल रहा है।'
कांग्रेस ने हिमांशु कुमार के आरोप को लोकसभा में उठाया था। लोकसभा में कांग्रेस की सांसद रंजीत रंजन ने गुरुवार को कहा था कि उत्तर प्रदेश में यादव और कुछ अन्य जातियों को निशाना बनाया जा रहा है।
रंजन ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, 'एक आईपीएस अधिकारी का कहना है कि एक खास जाति को निशाना बनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से यादवों, मुस्लिमों और दलितों के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है, वह हमारे संविधान के खिलाफ है।'
HIGHLIGHTS
- आईपीएस हिमांशु कुमार को उत्तर प्रदेश सरकार ने किया सस्पेंड
- हिमांशु कुमार ने डीजीपी ऑफिस पर जातिवाद का आरोप लगाया था
- उन्होंने कहा था, यादव सरनेम वाले पुलिसकर्मियों की ट्रांसफर को लेकर हड़कंप की स्थिति है
Source : News Nation Bureau