योगी सरकार यूपी को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में प्रयासरत है। इसी कड़ी में यूपी सरकार मास्टरप्लान स्वदेशी में जुट गई है। जिसके तहत सरकार उन उत्पादों को यूपी में ही बनाने की तैयारी कर रही है, जिसका सबसे ज़्यादा आयात उत्तर प्रदेश करता है। यूपी ने ऐसे 95 उत्पादों को चिन्हित किया है जिसके आयात पर यूपी हज़ारों करोड़ खर्च करता है। यूपी को स्वदेशी मार्केट बनाने की दिशा में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। योगी सरकार अलग अलग सेक्टर के उन प्रोडक्ट्स के उत्पादन की तैयारी यूपी में कर रही है जिनके आयात पर यूपी हज़ारों करोड़ खर्च करता है।
यूपी के msme विभाग ने 95 ऐसे उत्पादों की लिस्ट तैयार की है जिनके आयात पर साल 2021-22 में यूपी ने साढ़े दस हज़ार रुपये से भी ज़्यादा का खर्च किया। खास बात ये है कि यूपी में बाहर से आयात होने वाले अधिकतर उत्पाद विदेशों के हैं।यूपी में जिन उत्पादों का आयात बाहर से किया गया उसमे सबसे ज़्यादा उत्पाद इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स ने हैं।वित्त वर्ष 2021-22 में यूपी में इस सेक्टर से जुड़े करीब साढ़े दस हज़ार करोड़ के उत्पाद बाहर से मंगाए गए।महत्वपूर्ण ये है मार्केट में चीन के दबदबे की वजह से कि इस सेक्टर के अधिकतर उत्पादों का आयात चीन से होता है। उत्तर प्रदेश में जिन उत्पादों का आयात दूसरे नंबर पर है वो हैं खाद्य तेल और खाद्य पदार्थ,20121-22 में इनके आयात पर करीब साढ़े छः हज़ार करोड़ रुपये यूपी से बाहर गए।इसी तरह करीब 6 हज़ार करोड़ रुपये के उन प्रोडक्ट्स(मशीनरी) का आयात बाहर से किया गया जिनका इस्तेमाल अलग अलग हेवी कारखानों में किया जाता है। 20121-22 में यूपी ने करीब 3000 करोड़ के लोहे,एल्मुनियम,कॉपर के उत्पादों का आयात बाहर से किया। गौर करने वाली बात ये हैं कि हेल्थ सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले सर्जिकल प्रॉडक्ट का आयात भी यूपी बड़े स्तर पर करता है।साल 21-22 में करीब 3000 करोड़ के उत्पाद यूपी ने बाहर से मंगाए।इसी तरह कई और सेक्टर हैं जिनके उत्पादों के लिए अभी भी यूपी की निर्भरता दूसरों पर है।हालांकि अब सरकार ने इन उत्पादों को चिन्हित करने के बाद इन्हें यूपी में ही बनाने का फैसला किया है।इसके लिए संबंधित विभागों को कार्ययोजना बनानकर इसकी तैयारी में जुटने का निर्देश जारी कर दिया गया है।
प्लान स्वदेशी की तैयारियों में जुटी योगी सरकार के इस कदम की व्यापारी तारीफ तो कर रहे हैं ,लेकिन इनका ये भी मानना है कि सरकारं के लिए ये बड़ी चुनौती होगी।इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े व्यापारियों का मानना है कि इस सेक्टर से जुड़े कुशल कारीगर और सेटअप यूपी में अभी न के बराबर हैं।
Source : Avinash Singh