UP Zila Panchayat Chairperson Election 2021: उत्तर प्रदेश में आज पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए वोटिंग जारी है. प्रदेश के 75 जिलों में से 22 में निर्विरोध चुनाव होने के बाद अब बचे 53 जिलों में जिला पंचायत सदस्य अपने जिले का अध्यक्ष चुनने के लिए वोटिंग कर रहे हैं. राज्य में डेढ़ दशक बाद पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई भाजपा ने करीब दो वर्ष तक पंचायत चुनाव की तैयारी की. ऐसे में उसके सामने सपा का पिछला रिकार्ड तोड़ने की चुनौती है. उधर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी भी अपना दबदबा कायम रखने की भरपूर कोशिश में है.
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान पंचायत चुनाव होने के कारण जिला पंचायत सदस्य चुनाव में तो भाजपा को खास सफलता नहीं मिली. लेकिन पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उसकी भरपाई की रणनीति बनाई. पार्टी ने हालांकि घोषित तौर पर कोई लक्ष्य नहीं रखा है, लेकिन सरकार व संगठन की कोर कमेटी की बैठक में सपा के 63 सीटों के रिकार्ड को तोड़ने का मन बनाते हुए सरकार व संगठन जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में जुटे हैं.
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आयोग की चौखट पर पहुंची कन्नौज की लड़ाई
कभी सपा का गढ़ रहे कन्नौज में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद की लड़ाई निर्वाचन आयोग की चौखट पर पहुंच गई है. सपा का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार से मिला. उनके साथ कन्नौज से जिला पंचायत सदस्य भी थे. सपा ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन पार्टी प्रत्याशी और समर्थकों को प्रताड़ित कर रहा है. आयोग ने निष्पक्ष निर्वाचन के निर्देश दिए हैं. सपा कन्नौज और मैनपुरी किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहती है. प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कन्नौज में ही डेरा डालेंगे डाल रखा है.
उन्नाव में दिलचस्प हुई सियासी जंग
कन्नौज में वॉर्ड-28 से जिला पंचायत सदस्य और आशा वर्कर सरोजनी देवी के खिलाफ सीएमओ ने फर्जीवाड़े की एफआईआर करवाई है. सरोजनी पर बिना इस्तीफा चुनाव लड़ने का आरोप है. भाजपा नेताओं ने जिला प्रशासन से इसकी शिकायत की थी. उन्नाव में भी सपा उम्मीदवार के भाजपा के खेमे में आने से लड़ाई दिलचस्प हो गई है. यहां भाजपा प्रत्याशी शकुन सिंह और बागी उम्मीदवार अरुण सिंह के बीच सीधा मुकाबला है. सपा ने अपनी प्रत्याशी मालती को पार्टी से बाहर कर दिया है. सूत्रों का कहना है कि सपा समर्थित सदस्य अरुण का हाथ मजबूत कर अपने पाले में करने की रणनीति में लगे हैं.
पूर्वांचल में भी कांटें की लड़ाई
पूर्वांचल में जौनपुर, आजमगढ़, बलिया, सोनभद्र, भदोही व गाजीपुर आदि जिलों पर सबकी नजर है. जौनुपर में अध्यक्ष पद के लिए सपा से निशी यादव, भाजपा गठबंधन से अपना दल (एस) की रीता पटेल, पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी और भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज नीलम सिंह निर्दलीय भाग्य आजमा रही हैं. सोनभद्र में सपा के जय प्रकाश पांडेय व अपना दल से राधिका पटेल के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है. यहां के दो जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है. बलिया में पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी के पुत्र आनंद चौधरी के मजबूत दावेदार होने से भाजपा नेताओं ने यहां तक कि सूबे के मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कई सदस्यों को अपहृत किए जाने का आरोप लगाया है. पांच थानों में तहरीर भी पड़ी, लेकिन अगले ही दिन इन सदस्यों ने सोशल मीडिया के जरिए आरोपों को गलत बताया.
भदोही में भी आपसी लड़ाई
भदोही में विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी के भाई अनिरुद्ध त्रिपाठी और अमित सिंह के बीच मुकाबला है. भाजपा ने अमित सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया , लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने नामांकन के अंतिम दिन उनकी उम्मीदवारी खारिज कर दी. बावजूद इसके अमित सिंह ने पर्चा वापस नहीं लिया. अब दोनों प्रत्याशी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं. गाजीपुर में रेखा भट्ट ने पहले अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया था, लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलकर आने के बाद नाम वापसी के दिन पर्चा हटा लिया था. बदले राजनीतिक घटनाक्रम में रेखा ने भाजपा का दामन थामा है. गाजीपुर में सपा की कुसुम यादव और भाजपा की सपना सिंह में कड़ी टक्कर है.
Source : News Nation Bureau