उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव (Zila Panchayat Adhshkya Chunav) में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को जबरदस्त फायदा हुआ है. जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में राज्य के 13 जिले में भाजपा के प्रत्याशी निर्विरोध अपनी जीत दर्ज की है. कहीं पर दूसरी पार्टियों द्वारा नामांकन ही नहीं किया तो कुछ जगहों पर नामांकन कैंसिल भी किए गए. इस वजह से 13 जगहों पर बिना किसी टक्कर के बीजेपी को सीधा फायदा मिल गया. ज्यादातर जिलों में यहीं हाल रहा कि नामांकन करने के लिए दूसरी पार्टी से कोई प्रत्याशी आया ही नहीं, ऐसे में बीजेपी की जीत तो पहले ही साफ हो गई थी.
आगरा से मंजू भदौरिया, ग़ाज़ियाबाद से ममता त्यागी, मुरादाबाद से डॉ. शेफाली, बुलंदशहर से डॉ. अंतुल तेवतिया, ललितपुर से कैलाश निरंजन, मऊ से मनोज राय, चित्रकूट से अशोक जाटव, गौतमबुद्ध नगर से अमित चौधरी, श्रावस्ती से दद्दन मिश्र, गोरखपुर से साधना सिंह, बलरामपुर से आरती तिवारी, झांसी से पवन कुमार गौतम और गोंडा से घनश्याम मिश्र अध्यक्ष पद के लिए चुन लिए गए.
इन जिलों से बीजेपी प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय
गोरखपुर, मुरादाबाद, बुलंदशहर, मऊ, सहारनपुर, आगरा, अमरोहा, गोंडा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, झांसी, भदोही, चित्रकूट, श्रावस्ती और बलरामपुर, वहीं मेरठ और बांदा से विपक्ष के प्रत्याशियों का पर्चा खारिज होने की खबर है. वहीं समाजवादी पार्टी के हाथ इटावा की सीट आई है. हालांकि समाजवादी पार्टी की इस सीट पर भी एसपी के प्रत्याशी का निर्विरोध ही निर्वाचन हुआ है.
वहीं बांदा जिले में भी बीजेपी के प्रत्याशी सुनील पटेल को किसी से कोई टक्कर नहीं मिली. दोनों उम्मीदवार समाजवादी पार्टी की रजनी यादव और बसपा के अरुण पटेल का पर्चा प्रशासन द्वारा खारिज कर दिया गया. ऐसे में बीजेपी के सुनील पटेल निर्विरोध निर्वाचित हो लिए. बताया गया है कि इस सिलसिले में जिला प्रशासन की तरफ से बयान भी जारी किया जाएगा.
अखिलेश ने हारे हुए जिलों से हटाए जिलाध्यक्ष
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में हार का तात्कालिक असर भी देखने को मिलने लगा है। एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने हार को देखते हुए बड़ी कार्रवाई भी कर दी है. गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, गौतमबुध नगर, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर के जिला अध्यक्षों को अखिलेश यादव ने हटा दिया है.
Source : News Nation Bureau