उत्तर प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर में भारतीय सेना की रक्षा जरूरतों मुताबिक आधुनिक उपकरण और स्माल आर्म्स का निर्माण किया जाएगा. इसके तहत सेना में उपयोग की जाने वाली एसॉल्ट राइफल, स्नाइपर राइफल और सीक्यूबी कार्बाइन के कारतूस डिफेंस कॉरिडोर के झांसी नोड में बनाए जाएंगे, जबकि झांसी नोड में पॉलीमर फ्रेम पिस्टल के फ्रेम एवं सुरक्षा उपकरण आदि बनाए जाएंगे. डिफेंस कॉरिडोर में डेल्टा कॉम्बैट सिस्टम्स लिमिटेड (डेल्टा) और वेरी विन डिफेंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किए जा रहे निवेश से यह संभव होगा. यह दोनों कंपनियां 215 करोड़ रुपए का निवेश कर सेना के लिए स्माल आर्म्स आदि बनाएंगी. सेना के लिए स्माल आर्म्स बनाने वाली कंपनियों को जमीन देने से साथ ही यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में ब्रह्मोस मिसाइल के लखनऊ नोड में और ड्रोन का निर्माण करने के लिए अलीगढ़ नोड में सरकार ने जमीन आवंटित की है. जल्दी ही डिफेंस कॉरिडोर में आवंटित की गई जमीनों पर निर्माण कार्य शुरू होगा.
अधिकारियों के अनुसार अलीगढ़ नोड में फैक्ट्री लगाने के लिए 29 कंपनियों ने अपने प्रपोजल सरकार को सौंपे और फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया था. इसी प्रकार लखनऊ नोड में 11, झांसी नोड में छह, कानपुर नोड में आठ कंपनियों ने फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया था. यूपीडा ने विभिन्न कंपनियों से मिले प्रस्तावों पर कार्रवाई करते हुए अलीगढ़ नोड में 19 विख्यात कंपनियों को अब तक 55.40 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है. यह 19 कंपनियां अलीगढ़ नोड में 1245.75 करोड़ रुपए का निवेश कर रक्षा संबंधी उपकरण आदि बनाएंगी. इसके तहत ही एलन एंड अल्वन प्राइवेट लिमिटेड और एंकोर रिसर्च लैब एलएलपी कंपनी ने ड्रोन बनाने के लिए निवेश किया है. एलन एंड अल्वन प्राइवेट लिमिटेड ने अलीगढ़ नोड में ड्रोन बनाने के लिए 30.75 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जबकि एंकोर रिसर्च लैब एलएलपी कंपनी को 10 हेक्टेयर और एलन एंड अल्वन प्राइवेट लिमिटेड को अलीगढ़ मोड़ में भूमि आवंटित गई है. ये कंपनी 550 करोड़ रुपए का निवेश कर ड्रोन बनाएंगी. यह दोनों की कंपनियां सेना के लिए अत्याधिनिक सुविधाओं से युक्त ड्रोन का निर्माण करेंगी.
डिफेंस कॉरिडोर में सेना के लिए स्माल आर्म्स बनाने के लिए झांसी मोड़ में डेल्टा कॉम्बैट सिस्टम्स लिमिटेड (डेल्टा) 150 करोड़ रुपए का निवेश कर रही हैं. इस कंपनी को 15 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी गई है. ये कंपनी सेना द्वारा प्रयोग में लायी जा रही एसाल्ट राइफल, स्नाइपर राइफल, इंसास वो राइफल, सीक्यूबी कार्बाइन के कारतूस सहित अन्य शस्त्रों के कारतूस बनाएगी. सीक्यूबी कार्बाइन सेना और सुरक्षाबलों के लिए भी बहुत मुफीद है. यह 200 मीटर तक मार कर सकती है. इंसास वो राइफल है जिसका प्रयोग सेना के साथ ही साथ दूसरे सशस्त्र बल भी करते हैं. इस राइफल को एके-47 की तर्ज पर बनाया गया है. इसे भारत में ही तैयार किया जाता है. कारगिल वॉर में इसका जमकर प्रयोग हुआ. एसॉल्ट राइफल और स्नाइपर राइफल सेना के लिए बेहद अहम शस्त्र हैं. इनके लिए कारतूस का निर्माण अब यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में होगा, जबकि झांसी नोड में पॉलीमर फ्रेम पिस्टल के फ्रेम एवं सुरक्षा उपकरण आदि बनाए जाएंगे. यह पिस्टल संसार भर में प्रसिद्ध है और सेना में इसका खूब उपयोग होता है.
एपीडा के अधिकारियों का कहना हैं कि यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में सेना के लिए ब्रह्मोस मिसाइल, ड्रोन और स्माल आर्म्स बनाने जाने से यूपी को नई पहचान मिलेगी. रक्षा क्षेत्र की बड़ी -बड़ी कंपनियां यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में निवेश करने में रूचि दिखा रहे हैं. अपर मुख्य सचिव का कहना है कि उत्तर प्रदेश रक्षा उत्पाद निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है. यही नहीं जल्दी ही यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में कई अन्तर्राष्ट्रीय कंपनियां भी अपनी यूनिट लगाने वाली जिससे बहुत लोगों को रोजगार मिलेगा.
HIGHLIGHTS
- डिफेंस कॉरिडोर में ब्रह्मोस मिसाइल के लखनऊ नोड में
- ड्रोन का निर्माण करने के लिए अलीगढ़ नोड में जमीन
- यूपी रक्षा उत्पाद निर्माण के क्षेत्र में बनेगा आत्मनिर्भर