खबर उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से है जहां कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय प्रशासन का बेहद ही अमानवीय चेहरा सामने आया है. सोशल मीडिया पर छात्रा से शौचालय (टॅायलेट) साफ़ करने का वीडियो वायरल हुआ है और छात्राओं से बर्तन और फर्श पर पोछा लगाने की तस्वीरें भी वायरल हुई है. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय ककराही गोपीगंज का यह मामला है. डीएम से हुई शिकायत के बाद डीएम ने बीएसए को जांच सौपी है.
छात्राओं से जुड़े आवासीय स्कूलों की व्यस्था को लेकर तमाम दावे किए जाते है लेकिन जमीनी हकीकत बिलकुल अलग है. भदोही जिले के ककराही गोपीगंज में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय से बहुत ही चौकाने वाली तस्वीरें सामने आई है.
सोशल मिडिया पर तस्वीरें और वीडियो वायरल हुआ है जिसमे छात्रा शौचालय साफ़ करती दिख रही है और कुछ तस्वीरो में छात्राएं फर्श और बर्तन साफ़ कर रही है. तस्वीरें वायरल होने के बाद मामले की शिकायत एसएमसी अध्यक्ष ने जिलाधिकारी से की थी. शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच सौंपी है.
बीएसए मामले की जांच करने विद्यालय पहुंचे जहां उन्होंने छात्राओं और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए है. बीएसए का कहना है की जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. लेकिन जिस तरह की तस्वीरें वायरल हुई है उससे साफ़ है की इस तरह के विद्यालयों के हालात कैसे है. जबकि शासन के साफ़ निर्देश है की इस तरह के स्कूलों की समय समय पर अधिकारी निरिक्षण करें. साथ ही आवासीय स्कूलों में रह रही छात्राओं से भी बात कर सुनिश्चित करे की उन्हें सही व्यवस्था मिल रही है की नहीं.
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कस्तूरबा गांधी विद्यालय में कक्षा 6 से आठ तक छात्राओं को शिक्षा दी जाती है आवासीय स्कूल में ही रहकर छात्राये अध्यन करती है. छात्राओं की देखभाल के लिए वार्डेन समेत कई स्टाफ़ की तैनाती होती है.
सरकार बड़ा बजट इन स्कूलों के संचालन में खर्च करती है लेकिन उसके बाबजूद अगर इस तरह के मामले सामने आते है तो इससे साफ़ है की प्रशासनिक स्तर की यह बड़ी लापरवाही है.
Source : News Nation Bureau