जिला पंचायत अध्यक्ष के बाद अब ब्लॉक प्रमुख चुनावों में BJP रच सकती हैं इतिहास

उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के साथ ब्लॉक प्रमुख (क्षेत्र पंचायतों के अध्यक्ष) चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा के साथ राजनीतिक मंच एक और जमीनी स्तर पर चुनाव के लिए तैयार है. 826 ब्लॉकों में से 825 के लिए चुनाव होंगे.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
Uttar Pradesh block pramukh election 2021

Uttar Pradesh block pramukh election 2021( Photo Credit : सांकेतिक चित्र)

Advertisment

उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के साथ ब्लॉक प्रमुख (क्षेत्र पंचायतों के अध्यक्ष) चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा के साथ राजनीतिक मंच एक और जमीनी स्तर पर चुनाव के लिए तैयार है. 826 ब्लॉकों में से 825 के लिए चुनाव होंगे. गोंडा में मुजेना ब्लॉक एकमात्र अपवाद है, जहां ब्लॉक प्रमुख का कार्यकाल साल 2022 में समाप्त होगा. 75,500 से अधिक वार्ड सदस्य चुनावी प्रक्रिया के दौरान प्रखंड अध्यक्ष का चयन करेंगे. राज्य चुनाव आयुक्त मनोज कुमार द्वारा जारी समयसीमा के अनुसार, 8 जुलाई को नामांकन दाखिल किए जाने की प्रक्रिया पूरी हुई. वहीं 9 जुलाई को उम्मीदवार दोपहर तीन बजे तक अपना आवेदन वापस ले सकते हैं. मतदान और मतगणना 10 जुलाई को होगी.

और पढ़ें: UP: ब्लॉक प्रमुख चुनावों में भारी बवाल, सीतापुर में फायरिंग, श्रावस्ती में भिड़ंत

 इस चुनाव में नॉमिनेशन के बाद भारतीय जनता पार्टी को बड़े पैमाने पर निर्विरोध जीत तय हो गई है. जानकारी के अनुसार बीजेपी के 292 से ज्यादा सीटों पर प्रत्याशी निर्विरोध जीतने जा रहे हैं. इसके अलावा बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) को भी 3 सीटों पर निर्विरोध जीत तय हो गई है. निर्विरोध निर्वाचन की साफ तस्वीर आज नाम वापसी की समय सीमा पूरी होने के बाद दोपहर तक स्पष्ट हो जाएगी.

यूपी में बीजेपी की सबसे ज्यादा लखनऊ से 61 प्रत्याशियों की निर्विरोध जीत तय मानी जा रही है. इसके अलावा गोरखपुर, आगरा, कानपुर, बरेली, मेरठ में भी बीजेपी के दो दर्जन से ज्यादा प्रत्याशियों की निर्विरोध जीत तय है.

गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा ने 75 में से 66 सीटें जीतकर विरोधियों पर बढ़त बना ली है, जबकि उसके सहयोगियों ने एक और जीत हासिल की है. पार्टी ने 21 सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की. समाजवादी पार्टी समर्थित उम्मीदवारों ने पांच सीटें जीतीं, जबकि तीन सीटें रालोद, जनसत्ता दल और एक निर्दलीय उम्मीदवार को मिलीं.

सत्तारूढ़ भाजपा के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण मानी जा रही है. साल 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए पार्टी अधिकतम लाभ पर नजर गड़ाए हुई है. हालांकि यह एक अप्रत्यक्ष चुनाव है, लेकिन परिणाम जीतने वाली पार्टी को मानसिक तौर पर बढ़ावा देंगे.

अखिलेश यादव ने बोला हमला

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि जिला पंचायत के चुनाव में भाजपा के मुकाबले सपा के ज्यादा जिला पंचायत सदस्य जीते थे, लेकिन भाजपा ने धन-बल, छल-बल, जिला व पुलिस प्रशासन के सहयोग से अपने जिला पंचायत अध्यक्ष बनवा लिए. अब भाजपा ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भी यही कहानी दोहराना चाहती है. सपा अध्यक्ष ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि अब ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में प्रभारी निरीक्षक क्षेत्र पंचायत सदस्यों और समर्थकों की सूची मांग रहे हैं. यह लोकतंत्र का गला घोंटने की दूसरी कवायद है, क्योंकि भाजपा जानती है कि अपने बूते कोई चुनाव जीतना अब उसके बस में नहीं है. छल, कपट, आतंक और झूठे मुकदमों में फंसाने की तरकीबें ही उसे आती हैं.

Advertisment
Advertisment
Advertisment